30+ Best Short Stories For Kids In Hindi 2023 || Short Stories For Kids In Hindi

30+ Short Stories For Kids In Hindi 2023 :-

30+ Short Stories For Kids In Hindi 2023 :-

30+ Hindi Short Stories For Kids Pdf :- प्रिय पाठकों, बच्चों के लिए छोटी कहानियाँ (Short Stories) कुछ ऐसी कहानियां होती है, जिनमें उनके बर्तमान तथा आने वाले भविष्यत के दैनंदीन जीवन के लिए साधारण नैतिकता के शिक्षा साथ साथ उनके पीछे छुपे महत्वपूर्ण संदेश उनके व्यक्तित्व को बनाने मैं काफी भूमिका निभाता है।

इस पोस्ट पे आपको नैतिक कहानियों के तृतीय भाग (लगभग तीस नैतिक कहानियाँ) ही हैं। आगले भाग प्रकाशित होते ही, हम आपका उन पोस्ट के लिंक नीचे दे देंगे।

Short Stories For Kids In Hindi
Short Stories For Kids In Hindi

1) चटोरी भानुमती :-

वारंगल के समीप एक छोटे से गांव में रामलिंग नाम का एक किसान रहता था। उसकी पत्नी को मरे हुए दो साल हो गए थे। घर में काम करने वाला कोई न था। अतः उसे भानुमती को नौकरानी रखना पड़ा।

भानु एक अच्छी नौकरानी थी। घर की साफ सफाई पशुओं का भोजन कपड़े बर्तन आदि सँभालने में निपुण थी। समस्या केवल एक ही थी। वह बहुत चटोरी थी।

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अक्सर रसोईघर में छिपकर कुछ न कुछ खाती रहती थी। रामलिंग ने उसे एक-दो बार रंगे हाथों पकड़ा पर भानु पर कोई असर नहीं हुआ। वह साफ झूठ बोलकर बच निकलती। अंत में तंग आकर रामलिंग ने उससे कहा, ‘अगर आज के बाद मैंने तुम्हें चोरी से कोई चीज खाते पकड़ लिया तो नौकरी से निकाल दूंगा। short stories for kids in hindi

नौकरी जाने के भय से भानु थोड़ा सँभल गई। एक दिन रामलिंग अच्छी नस्ल का ‘जहाँगीर’ आम लाया। उसका दोस्त अनंत आने वाला था। उसने भानुमती को बुलाया-सुनो इस आम का छिलका उतारकर टुकड़ों में काट दो। दोनों दोस्त मजे से खाएँगे।”

भानुमती को आम बेहद पसंद थे। मन को लाख समझाने के बावजूद वह रुक न सकी। आम के टुकड़े चखते-चखते पूरा आम ही खत्म हो गया। तभी रामलिंग की आवाज सुनाई दी, ‘भानुमती, आम काटकर ले आ। अनंत आता ही होगा।’ short moral stories for kids in hindi

अब तो भानुमती की आँखों के आगे अँधेरा आ गया। उसे नौकरी जाने की चिंता होने लगी। तभी उसे एक योजना सूझी। उसने रामलिंग से कहा, मालिक चाकू की धार बना दो। आम का छिलका बारीक नहीं उतर रहा।

रामलिंग चाकू की धार बनाने लगा। दरवाजे पर अनंत आ पहुँचा। भानुमती उसे एक कोने में ले जाकर बोली, ‘लगता है मालिक तुमसे नाराज हैं। चाकू की धार बनाते-बनाते बुड़बुड़ा रहे थे कि ‘आज तो अनंत की नाक ही काट दूँगा।’

अनंत ने भीतर से झाँककर देखा। रामलिंग मस्ती में गाना गुनगुनाते हुए चाकू तेज कर रहा था। बस फिर क्या था, अनंत सिर पर पाँव रखकर भागा।

भानुमती ने रामलिंग से कहा, ‘मालिक आपका दोस्त मुझसे आम छीनकर भाग गया।’

रामलिंग चाकू हाथ में लिए, अनंत के पीछे तेजी से भागा। अनंत और भी तेज दौड़ने लगा। रामलिंग चिल्ला रहा था- ‘रुक तो जा भई, कम से कम आधा काट के दे जा।’ short stories for kids in hindi

अनंत ने सोचा कि रामलिंग आधी कटी नाक माँग रहा है। वह बेचारा दोबारा कभी उस तरफ नहीं आया। रामलिंग भी थक-हारकर लौट आया।स्वादिष्ट आम हजम कर जाने वाली भानुमती अगली चोरी की तैयारी में जुट गई। short stories for kids pdf

30+ Best Hindi Short Stories For Kids Pdf || Short Stories For Kids In Hindi (द्वितीय भाग)

2) मलण्णा का बैल :-

मलण्णा किसान का बैल खो गया। अब बैल जैसे जीव को खोजा भी कैसे जाए ? बेचारे किसान ने जमीन- आसमान एक कर दिया।
कुछ दिन की तंगी के बाद मलण्णा ने पत्नी से कहा-

‘अरी भाग्यवान ! बैल के बिना हल नहीं चलेगा, हल नहीं चला तो खेती नहीं होगी, खेती नहीं हुई तो अनाज कहाँ से आएगा, अनाज न आया तो पेट कैसे भरेगा ?’

मलण्णा की पत्नी बेहद चतुर थी। पति से बोली, ‘बैल तो खरीद ही लेते हैं परंतु तुम ठहरे बुद्धूराम । मैं भी साथ चलूँगी।’ v

मलण्णा को क्या आपत्ति हो सकती थी। दोनों बैल खरीदने जा पहुँचे। मेले में घूमते-घूमते मलण्णा की पत्नी ने अपना बैल पहचान लिया। चोर महाशय बैल बेचने आए थे। मलण्णा ने बैल पर अपना दाबा जताया तो अच्छी खासी बहस हो गई। चोर अपनी बात पर अड़ा था। बार-बार यही कहता था-
‘तुम्हारा बैल मेरे बैल का हमशक्ल होगा।’ short stories for kids in hindi

तभी मलण्णा की पत्नी ने बैल की आँखें ढाँपकर कहा-
‘यदि यह तुम्हारा बैल है तो जल्दी बताओ, यह किस आँख से काना है ?’
चोर ने चतुराई दिखाई और झट से बोला, ‘इसकी बाईं आँख खराब है।’

‘अच्छी तरह सोच लो, पछताओगे।’ मलण्णा की पत्नी बोली। अब तो चोर बौखला गया। बैल तो चुरा लिया था पर उसकी शक्ल अच्छी तरह नहीं देख पाया था। वह तो बुरा फँसा। अनुमान से बोला-

‘नहीं-नहीं, इसकी तो दाईं आँख खराब है।’

मलण्णा ने सारे बाजार को बुला लिया। सबके सामने बैल की आँखों के आगे से हाथ हटाया गया। बैल की दोनों आँखें ठीक-ठाक थीं। चोर रंगे हाथों पकड़ा गया। उसकी जमकर पिटाई हुई। मलण्णा और उसकी पत्नी अपने खोए हुए बैल को लेकर खुशी-खुशी घर लौटे। short stories for kids pdf

3) कालहस्ती मंदिर की कथा :-

कहते है कि नील और फणेश नाम के दो भील लड़के थे। उन्होंने शिकार खेलते समय वन में एक पहाड़ी पर भगवान शिव की लिंग मूर्ति देखी। नील उस मूर्ति की रक्षा के लिए वही रूक गया और फणीश लौट आया। short stories for kids in hindi

नील ने पूरी रात मूर्ति का पहरा इसलिए दिया ताकि कोई जंगली पशु उसे नष्ट न कर दे। सुबह वह वन में चला गया। दोपहर के समय जब वह लौटा तो उसके एक हाथ में धनुष, दूसरें में भुना हुआ मांस, मस्तक के केशो में कुछ फूल तथा मुंह में जल भरा हुआ था।

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उसके हाथ खाली नहीं थे, इसलिए उसने मुख के जल से कुल्ला करके भगवान को स्नान कराया। पैर से मूर्ति पर चढ़े पुराने फूल व पत्ते हटाए। बालों में छिपाए फूल मूर्ति पर गिराए तथा भुने हुए मांस का टुकडा भोग लगाने के लिए रख दिया। short stories for kids in hindi

दूसरे दिन नील जब जंगल गया तो वहां कुछ पुजारी आए। उन्होंने मंदिर को मांस के टूकड़ों से दूषित देखा। उन्होंने मंदिर की साफ सफाई की तथा वहां से चले गए। इसके बाद यह रोज का क्रम बन गया। नील रोज जंगल से यह सब सामग्री लाकर चढ़ाता और पुजारी उसे साफ कर जाते। एक दिन पुजारी एक स्थान पर छिप गए ताकि उस व्यक्ति का पता लगा सके, जो रोज रोज मंदिर को दूषित कर जाता है।

उस दिन नील जब जंगल से लौटा तो उसे मूर्ति में भगवान के नेत्र दिखाई दिए। एक नेत्र से खून बह रहा था। नील ने समझा कि भगवान को किसी ने चोट पहुंचाई है। वह धनुष पर बाण चढ़ाकर उस चोट पहुंचाने वाले व्यक्ति को ढूंढने लगा। जब उसे कोई नही मिला तो वह कई प्रकार की जड़ी बूटियां ले आया तथा वह भगवान की आंख का उपचार करने लगा। short stories for kids in hindi

परंतु रक्त धारा बंद न हुई। तभी उसे अपने बुजुर्गों की एक बात याद आई, “मनुष्य के घाव पर मनुष्य का ताजा चमड़ा लगा देने से घाव शीघ्र भर जाता है”। नील ने बिना हिचक बाण की नोक घुसाकर अपनी एक आंख निकाली तथा उसे भगवान के घायल नेत्र पर रख दिया। short stories for kids pdf

मूर्ति के नेत्र से रक्त बहना तत्काल बंद हो गया। छिपे हुए पुजारियों ने जब यह चमत्कार देखा तो वह दंग रह गए। तभी मूर्ति की दूसरी आंख से रक्त धारा बहने लगी।

नील ने मूर्ति की उस आंख पर अपने पैर का अंगूठा टिकाया ताकि अंधा होने के बाद वह टटोलकर उस स्थान को ढ़ूंढ़ सके। इसके बाद उसने अपना दूसरा नेत्र निकाला तथा उसे मूर्ति की दूसरी आंख पर लगा दिया। short moral stories for kids in hindi

तभी वह स्थान अलौकिक प्रकाश से भर गया। भगवान शिव प्रकट हो गए, तथा उन्होंने नील का हाथ पकड़ लिया। वे नील को अपने साथ शिवलोक ले गए। नील का नाम उसी समय से कण्णप्प (तमिल में कण्ण नेत्र को कहते है) पड़ गया। पुजारियों ने भी भगवान तथा भोले भक्त के दर्शन किए तथा अपने जीवन को सार्थक किया। short stories for kids in hindi

कण्णप्प की प्रशंसा में आदि शंकराचार्य जी ने एक श्लोक में लिखा है—”रास्ते में ठुकराई हुई पादुका ही भगवान शंकर के अंग झाड़ने की कूची बन गई। आममन (कुल्ले) का जल ही भगवान का दिव्याभिषेक जल हो गया और मांस ही नैवेद्य बन गया। अहो! भक्ति क्या नहीं कर सकती? इसके प्रभाव से एक जंगली भील भी भक्तबतंस (भक्त श्रेष्ठ) बन गया”। short stories for kids in hindi

मंदिर में मुख्य स्थान पर भगवान शिव की लिंग रूप मूर्ति है। यही वायुतत्व लिंग है। इसलिए पुजारी भी इसका स्पर्श नहीं करते। मूर्ति के पास स्वर्णपट्ट स्थापित है, उसी पर माला इत्यादि चढ़ाकर पूजा की जाती है। इस मूर्ति में मकड़ी, हाथी तथा सर्प के दांतों के चिन्ह स्पष्ट दिखाई देते है।

कहा जाता है कि सबसे पहले मकड़ी, हाथी तथा सर्प ने भगवान शिव की आराधना की थी। उनके नाम पर ही श्री कालहस्तीश्वर नाम पड़ा है। श्री का अर्थ है मकड़ी, काल का अर्थ सर्प तथा हस्ती का अर्थ है हाथी।

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4) घी सड़ गया :-

यदि हम आंध्रप्रदेश की बात करते हैं तो हैदराबाद का नाम अवश्य आएगा। यदि हैदराबाद का नाम लिया जाए तो नवाब मीर उस्मान अली खाँ का नाम भी लेना पड़ेगा।

उनके शासन में हैदराबाद ने बहुत अच्छे दिन देखे। उस्मानिया विश्वविद्यालय, हाईकोर्ट, पुस्तकालय आदि अनेक भव्य भवन उन्होंने बनवाए। short stories for kids in hindi

हैदराबाद में एक सागर भी बनवाया, जो कि निजाम सागर के नाम से जाना जाता है। निजाम साहब अपने निजी जीवन में बेहद कंजूस थे। कोई भी छोटा-सा खर्च करने से पहले घंटों हिसाब लगाते। उनके वस्त्र जब तक तार-तार न हो जाते, वे रफू करके काम चलाते। short moral stories for kids in hindi

कहते हैं कि वह उस समय संसार के सबसे अधिक पैसे वालों में एक थे। सोना, चाँदी, हीरे-जवाहरात, रुपए-पैसे का अमूल्य भंडार था किंतु कजूसी का भी अंत न था। short stories for kids in hindi

अक्सर वह मेहमानों के सामने भी अपने छोटेपन पर उतर आते। किसी की बहुमूल्य और खूबसूरत वस्तु हथिया लेना उन्हें बेहद प्रिय था। किसी भी समारोह में भेंट ले जाने के बजाए, बह भेंट लेकर लौटते।

वह भेंट में प्राप्त उन वस्तुओं को तिजोरी में बंद करवा देते। वह उन महाकंजूसों में एक थे, जिनके लिए कहा गया है कि-

‘चमडी जाए पर दमड़ी न जाए’

एक दिन दतिया के महाराजा उनसे मिलने आए। निजाम ने बातों ही बातों में जान लिया कि दतिया में शुद्ध घी बहुत अच्छा मिलता है। बस अब क्या था, उसी समय हुक्म हुआ- ‘हमारे लिए शुद्ध घी अवश्य भिजवाएँ।’ short stories for kids pdf

दतिया के महाराज भला कैसे इंकार करते? शीघ्र ही घी से भरे कनस्तर निजाम के दरवाजे पर थे। घी को गोदाम में बंद करवा दिया गया। निजाम ने न तो स्वयं खाया और न ही किसी को खाने दिया।

कुछ दिन बीत गए। घी सड़ने लगा। निजाम को खबर दी गई किंतु उसने परवाह नहीं की। जब वह बदबू असहनीय हो गई तो वजीर ने पुन: फरियाद की किंतु निजाम ने जीवन में कभी भी हार नहीं मानी थी। उन्होंने कहा-‘जाओ, उस घी को मंदिरों और बाजारों में बेच दो।’

वजीर की तो आफत ही आ गई। बदबूदार सड़ा घी भला कौन खरीदता? उसने सोचा कि यदि घी न बिका तो निजाम भड़क जाएगा, इसलिए, उसने सारा घी एक नाले में फिंकवा दिया और अपनी ओर से रुपए लेकर निजाम के पास पहुँचा। short stories for kids in hindi

‘जी हजूर, यह लीजिए रकम। वह घी तो मंदिर के पुजारियों ने हाथों-हाथ खरीद लिया।’

निजाम की बाँछें खिल गईं। वजीर ने उस काम के एवज में तरक्की पाई।

देखा बच्चो, कंजूसी कितनी बड़ी बला है। हमें ऐसा नहीं बनना चाहिए।

20+ Short Moral Stories For Kids In Hindi 2023 (प्रथम भाग)

5) ईश्वर बड़ा है :-

बहुत समय पहले की बात है। किसी नगर में एक भिखारी रहता था। सुबह होते ही अपना चोगा और कमंडल तैयार करता तथा निकल पड़ता। वह हर दरवाजे पर जाकर एक ही आवाज लगाता-

‘देने वाला श्री भगवान, हम सब हैं उसकी संतान।’

भिखारी का नाम था ‘कृपाल’। उसे जो कुछ भी मिल जाता, वह उसी से संतुष्ट हो जाता। उसका एक मित्र जगन्नाथ भी भीख माँगता था। वह दरवाजे पर जाकर हाँक लगाता-

‘देने वाला है महाराज, यही दिलवाएगा भोजन आज।’

कृपाल और जगन्नाथ भीख माँगने के लिए राजा के महल में भी जाते थे। राजा प्राय: दोनों की आवाज सुनता था। वह दोनों को ही भीख देता था किंतु वह आजमाना चाहता था कि दोनों में से किसकी बात सच हैं? इंसान को सब कुछ देना, भगवान के हाथ में है या महाराज के हाथ में है?

एक दिन महाराज ने एक तरकीब निकाली। उन्होंने एक बड़ा-सा पपीता लिया । उसका एक टुकड़ा काटकर उसके भीतर सोने के सिक्के भर दिए। टुकडे को ज्यों का त्यों जोड़ दिया। तभी कृपाल भीख माँगने आ पहुँचा। short stories for kids in hindi

राजा ने उसे दाल-चावल दिलवाकर विदा किया। जगन्नाथ खंजड़ी बजाता आया और हाँक लगाई-

‘देने वाला है महाराज, वही दिलवाएगा भोजन आज।’

महाराज ने सिक्‍कों से भरा हुआ वह पपीता उसके हवाले कर दिया। जगन्नाथ ने वह पपीता दो आने में एक सब्जी वाले की दुकान पर बेच दिया। मिले हुए पैसों से उसने भोजन का जुगाड़ कर लिया। भला पपीता उसके किस काम आता?

थोड़ी देर बाद कृपाल सब्जी वाले की दुकान के आगे से निकला। उसने मीठी आवाज में अपनी बात दोहराई। सब्जी वाले ने वह पपीता उसे दे दिया। कृपाल उसे दुआएँ देता हुआ घर लौट आया।

घर आकर उसने पपीता काटा तो सिक्के देखकर वह आश्चर्यचकित हो उठा। उसने तुरंत सिक्के उठाए और सब्जी वाले के पास पहुँच गया। उसके सिक्‍के देकर कहा, ‘भाई, यह तुम्हारे पपीते में से निकले हैं। इन पैसों से मेरा कोई लेना-देना नहीं है।’ short stories for kids in hindi

सब्जी वाला भी ईमानदार था। वह बोला, ‘यह पपीता तो मुझे जगन्नाथ बेच गया था। तब तो यह सिक्‍के भी उसी के हैं।’ short stories for kids pdf

जगन्नाथ ने सिक्के देखकर कहा, ‘ये तो महाराज के हैं। वह पपीता मुझे भीख में वहीं से मिला था।’

महाराज तीनों व्यक्तियों और सिक्कों को देखकर हैरान हो गए। सारी कहानी सुनकर उन्हें विश्वास हो गया कि इंसान को ईश्वर पर ही विश्वास करना चाहिए। वही सबको देने वाला है। राजा ने तीनों को यथायोग्य उपहार देकर विदा किया। हाँ, उसी दिन से कृपाल के साथ-साथ जगन्नाथ भी कहने लगा-

‘देने वाला श्री भगवान, हम सब उसकी हैं संतान’

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6) नागपंचमी और नाग :-

श्रावण मास में पंचमी के दिन नाग पंचमी का त्यौहार आता है। इस दिन नागों की पूजा की जाती है। उसे गरुड़ पंचमी भी कहते हैं। इस त्यौहार वाले दिन खेतों में हल चलाना, सब्जी काटना आदि कार्य नहीं किए जाते, इसके पीछे एक कथा है।

कहते हैं कि बहुत वर्षों पूर्व किसी गाँव में एक किसान रहता था। नागपंचमी के दिन वह खेत में हल जोतने गया। कुछ देर काम करने के पश्चात वह आराम करने बैठ गया। उसका आठ वर्षीय पुत्र भी वहीं आ पहुँचा। दोनों पिता-पुत्र बातें करने लगे। short stories for kids in hindi

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किसान ने हल उठाया और काम करने लगा। पुत्र की मीठी और तोतली बातों में वह इस कदर खो गया कि उसे साँप की बाँबी भी दिखाई नहीं दी। short stories for kids pdf

उसकी लापरवाही के कारण साँप के छोटे-छोटे बच्चे हल की नोक से कुचले गए। थोड़ी देर बाद साँप वापस आया तो वह अपने मरे हुए बच्चों को देख फुफकारने लगा। पास ही हल पड़ा था। हल की नोक पर लगे खून के कारण उसने हत्यारे को पहचान लिया। किसान और उसका पुत्र साँप के काटने से मारे गए। साँप का क्रोध तब भी शांत न हुआ। short stories for kids pdf in hindi

वह किसान के घर जा पहुँचा। किसान की पत्नी नागदेवता की पूजा में मग्न थी। साँप ने सोचा कि पूजा समाप्त होने पर ही वह उसे काटेगा। short stories for kids in hindi

पास ही पूजा की भोग सामग्री पड़ी थी। भूखे साँप ने वह सारा दूध पी लिया। किसान की पत्नी ने पूजा के बाद आँखें खोलीं तो साक्षात्‌ साँप को सामने देखकर प्रणाम किया।

अब साँप उसे कैसे काटता? उसने साफ शब्दों में बता दिया कि वह क्रोध में अंधा होकर उसके पति और बच्चे को जान से मार आया है। short moral stories for kids in hindi

किसान की पत्नी रो-रोकर क्षमा-याचना करने लगी। साँप ने मन-ही-मन सोचा- मेरे बच्चे तो किसान द्वारा गलती से मारे गए हैं। किंतु मैं तो जान-बूझकर उन दोनों को मारने का पाप कर आया हूँ।

उसने किसान की पत्नी से कहा- ‘शीघ्र चलो, मैं तुम्हारे पति और पुत्र का सारा विष चूसकर उन्हें जीवित कर देता हूँ।’ short stories for kids in hindi

किसान की पत्नी उसके साथ खेत की ओर भागी। साँप ने दोनों मृत शरीरों से सारा विष चूस लिया। कुछ ही देर में किसान और उसका पुत्र आँखें मलते हुए उठ बैठे। सबने मिलकर साँप को नमस्कार किया और साँप ओझल हो गया। बस तभी से वह प्रथा चली आ रही है। short stories for kids pdf

बच्चो, यह लोककथा हमें संदेश देती है कि जो भी काम करो, पूरा ध्यान लगाकर करो। जरा-सी लापरवाही भी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती है।

7) जिंदा भूत :-

एक दिन राजू के मन में आया कि लोगों को भूत बनकर डराया जाए। वह सांस रोकर बैठ गया । उसकी पत्नी ने उसको हिलाया-डुलाया लेकिन राजू चुपचाप आंख बंद किए बैठा रहा।

“हे भगवान! लगता है ये सचमुच मर गए।” वह रोती हुई बाहर निकली और पास-पड़ोस वालों को बुला लाई। राजू उसी तरह बिना सांस लिए, बिना हिले-डुले बैठा था। पड़ोसियों ने भी समझा कि राजू मर गया है। “अब इसका दाह संस्कार करना चाहिए,” वे बोले। short stories for kids in hindi

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वे राजू को लेकर नदी किनारे आए। उसे लकड़ियों के ढेर पर लेटा दिया। फिर उसके ऊपर और लकड़ियां रख दीं। राजू ने जब देखा कि पड़ोसी चिता में आग लगाने जा रहे हैं तो वह लकड़ियां फेंककर उठ खड़ा हुआ। short stories for kids pdf

जब पड़ोसियों ने राजू को इस तरह उठकर खड़ा होते देखा तो, भूत… भूत…” चिल्लाते हुए गांव की तरफ़ भागे। राजू उनके पीछे रुको… रुको…” कहते हुआ भागा। गांव पहुंचकर वे बोले, “राजू मरकर भूत बन गया है और गांव की तरफ़ आ रहा है।” इतना सुनना था कि सारे गांववाले अपने घरों में घुस गए और दरवाज़े बंद कर लिए। short stories for kids in hindi

जब राजू गांव में पहुंचा तो वहां सन्‍नाटा छाया था। राजू अपने घर की तरफ़ चल दिया। राजू की पत्नी नागम्मा ने भी सुन लिया था कि उसका पति भूत बन गया है। उसने भी जल्दी से घर का दरवाज़ा बंद करके कुंडा लगा लिया। घर पहुंचकर राजू बोला, “नागम्मा दरवाज़ा खोलो, मैं राजू हूं।”

“तुम राजू नहीं राजू के भूत हो। कृपा करके यहां से चले जाओ। मैं तुम्हारा बहुत अच्छी तरह से श्राद्ध कर दूंगी और ब्राह्मणों को भोजन भी करवाऊंगी। बस, तुम यहां से चले जाओ।” राजू दरवाज़ा खटखटाता रहा पर नागम्मा ने दरवाज़ा नहीं खोला।

‘अप्पा। अब मैं क्या करूं। मेरी पत्नी भी मेरा विश्वास नहीं कर रही कि मैं भूत नहीं हूं।’ राजू ने सारे दिन से कुछ नहीं खाया था। अब उसे बहुत ज़ोर की भूख लगी थी। ‘मुझे कौन भोजन देगा? जब मेरी पत्नी भी मुझे भूत समझ रही है।’ वह चलते-चलते गांव के मंदिर पहुंचा। ‘चलो रात यहीं काट लेता हूं। सुबह जब पुजारी प्रसाद चढ़ाने आएगा तो उससे प्रसाद लेकर खा लूंगा।’ राजू मूर्ति के पीछे छिपकर बैठ गया और पुजारी की प्रतीक्षा करने लगा। short stories for kids in hindi

रात बीती, सुबह हुई । गांववालों ने धीरे से दरवाज़े खोले और बाहर झांका। राजू का भूत कहीं दिखाई नहीं दिया। सब लोग घरों से बाहर आ गए और अपने काम-धंधों में लग गए। पुजारी भी प्रसाद बनाने लगा। प्रसाद बनाया, बड़े बनाए, लड्डू बनाए।

फिर सारा प्रसाद एक थाली में सजाकर मंदिर की तरफ़ चल दिया। मंदिर में पहुंचकर उसने प्रसाद की थाली एक ओर रख दी, फिर कुएं से बाल्टी निकाली और मंदिर धोने लगा। short stories for kids pdf

तभी राजू मूर्ति के पीछे से निकला और बोला,“स्वामी आज आपने बड़ी देर कर दी। मैं कब से आपकी प्रतीक्षा कर रहा हूं।” इतना सुनना था कि पुजारी बाल्टी पटककर गांव की तरफ़ भागा। उसके पीछे-पीछे राजू, “स्वामी… स्वामी…” कहता हुआ। गांववालों ने जब राजू को पुजारी के पीछे आते देखा तो फिर से घरों में घुस गए और दरवाज़े बंद कर लिए। राजू एक बार फिर अपने घर गया लेकिन नागम्मा ने दरवाज़ा नहीं खोला। short stories for kids in hindi

राजू मंदिर में लौट आया और पुजारी जो प्रसाद लाया था, उसे खाकर अपनी भूख मिटाई। पेट भर जाने के बाद राजू ने अपनी तरफ़ देखा। उसकी वेष्टि फट गई थी, शरीर धूल-मिट्टी से सना था, बाल बिखरे थे।

“लोग ठीक ही मुझे भूत समझते हैं, मेरी हालत तो देखो!” वह बोला। ‘सबसे पहले रमैया धोबी से साफ़ कपड़े मांगकर पहनना होगा।’ ऐसा सोचकर राजू नदी किनारे पहुंचा। रमैया धोबी अभी आया नहीं था। राजू कपड़े धोने की भट्टी में छिपकर बैठ गया। short stories for kids pdf in hindi

उस दिन राजा का कोतवाल घोड़े पर बैठकर गांव का निरीक्षण करने आया था। उसने देखा कि गांववाले बजाय अपना काम-धंधा करने के, घरों में बैठे हैं। उसने दरवाज़ा खटखटाकर गांववालों को बाहर बुलाया और पूछा, “काम-धंघे के समय तुम लोग घरों में क्यों बैठे हो?”

“राजू चरवाहा मरकर भूत बन गया है और गांव में घूम रहा है। उसके डर से हम घरों में बैठे हैं।” गांववालों ने उत्तर दिया। short stories for kids in hindi

“कोई भूत-वूत नहीं होता। चलो सब लोग अपना-अपना काम शुरू करो,” कोतवाल ने डांटा। सब लोग एक बार फिर घरों से निकलकर अपने-अपने काम पर लग गए। रमैया धोबी भी घाट की तरफ़ चल दिया। कोतवाल को अपने कपड़े धुलवाने थे इसलिए वह भी घोड़े पर सवार नदी की तरफ़ चल दिया।

जैसे ही दोनों घाट पर पहुंचे, राजू भट्टी में उठकर खड़ा हो गया और बोला, “अरे रमैया अप्पा, कहां थे अब तक? मैं कब से भट्टी में बैठा तुम्हारी प्रतीक्षा कर रहा हूं।” इतना सुनना था कि रमैया सिर पर पैर रखकर गांव की ओर भागा। कोतवाल भी सरपट घोड़ा दौड़ाता गांव से दूसरी तरफ भागा। गांववाले फिर घरों में घुस गए। short stories for kids pdf

राजू ने धोबी के कपड़ों में से एक साफ़ वेष्टि और एक क़मीज़ निकाली। फिर नदी में जाकर नहाया, साफ़ कपड़े पहने और अपने घर की तरफ़ चल दिया।

घर पहुंचकर उसने दरवाज़ा खटखटाया और बोला, “नागम्मा दरवाज़ा खोलो। मैं भूत नहीं हूं। अरे जब मैं मरा ही नहीं तो भूत कैसे बन सकता हूं?” short stories for kids in hindi

“हमने तुम्हें मरा हुआ देखा था,” नागम्मा अंदर से बोली। “न तुम सांस ले रहे थे, न हिल-डुल रहे थे।”

“मैं समझा था कि मैं मर रहा हूं इसलिए मैं सांस रोककर बिना हिले- डुले लेट गया था।” राजू ने कहा। “असल में एक यात्री ने मुझे एक सूत का धागा दिया था और कहा था जिस दिन यह धागा खो जाएगा, उस समय, मैं मरने वाला हूं। तुम दरवाज़ा खोलकर देखो तो। मैं मरा नहीं हूं, जीवित हूं।”

नागम्मा ने धीरे-धीरे दरवाज़ा खोला। सामने राजू नहाया-धोया, साफ़ वेष्टि और क़मीज़ पहने खड़ा था। ‘यह भूत नहीं लग रहा,’ नागम्मा ने सोचा। फिर उसने हाथ बढ़ाकर राजू को छुआ और ज़ोर से चिकोटी काटी। “अप्पा!” राजू चिल्‍लाया। short stories for kids in hindi

नागम्मा समझ गई कि राजू भूत नहीं है। उसने जल्दी से दरवाज़ा खोलकर उसे अंदर कर लिया। उसे भरपेट खाना खिलाया। राजू खा-पीकर सो गया। नागम्मा गांव की तरफ़ चल दी सबको बताने के लिए कि राजू भूत नहीं है।

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8) पोल खुल गई :-

एक बार किसी मौलवी को उसके मुरीद ने खाने पर बुलाया। मेजबान के घर पहुँचकर उसकी दहलीज को पार करने के दौरान मौलवी अचानक चिल्लाने लगा-ऐ हट, हट, हट। इस पर घबराए मेजबान ने सहमते हुए मौलवी से पूछा- जनाब, क्या हुआ। आप इस तरह क्यों चिल्ला रहे हैं। मौलवी गंभीरता से बोला- अरे नहीं-नहीं, कुछ नहीं। short stories for kids pdf

मैं मक्का के पाक काबा में घुसते दिखाई दे रहे एक कुत्ते को भगा रहा था। यह सुनकर मेजबान दंग रह गया। वह सोचने लगा कि मौलवी साहब कितने रूहानी ताकत वाले हैं कि वे हजारों मील दूर मक्का तक साफ देख सकते हैं। लेकिन मेजबान की बीवी को यह बात हजम नहीं हुई।

खाना परोसते समय उसने मौलवी की थाली में सालन को चावलों के नीचे छिपा दिया। अगल-बगल में बैठे दूसरे लोगों की थाली में चावल और सालन तथा अपनी थाली में सिर्फ चावल देखकर मौलवी इधर-उधर देखने लगा। बीवी बोली- जनाब, आपको कुछ चाहिए? short moral stories for kids in hindi

मौलवी बोला- जी, शायद आप मुझे सालन परोसना भूल गई हैं। वह बोली- अरे, आप तो कोसों दूर मक्का तक देख सकते हैं, ध्यान से देखिए, सालन आपकी थाली में ही चावलों के नीचे है। इस तरह चतुराई से मेजबान की बीवी ने मौलवी की पोल खोल दी। short stories for kids in hindi

9) कछुए और बन्दरों की कहानी :-

बहुत दिन पहले की बात है, कि एक बार एक कछुआ एक अजनबी शहर में नमक खरीदने गया।

जब वह नमक खरीद कर वापस लौट रहा था तो उसने देखा कि बहुत सारे बन्दर एक पेड़ पर चढ़े फल खा रहे थे। उन फलों के देख कर उसके मुँह में पानी आ गया सो उसने उन बन्दरों से कुछ फल माँगे।

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बन्दरों ने उसको कुछ फल तोड़ कर नीचे फेंक दिये। कछुए ने वे फल खाये तो उसको वे बहुत मीठे लगे सो कछुए ने उनको कुछ और फल फेंकने के लिये कहा तो बन्दरों ने जवाब दिया कि अगर वह और फल खाना चाहता है तो वह पेड़ पर चढ़े और अपने आप फल तोड़ कर खाये।

वे अब उसको और फल नीचे नहीं फेंकेंगे। कछुआ बोला कि वह पेड़ पर नहीं चढ़ सकता इसलिये अगर बन्दर उसके लिये फल नीचे फेंक दें तो उनकी बड़ी मेहरबानी होगी। short stories for kids in hindi

इस पर बन्दर बोले कि अगर वह खुद पेड़ पर नहीं चढ़ सकता तो कोई बात नहीं। वह अगर चाहे तो वे उसको उठा कर पेड़ के ऊपर ला सकते थे। कछुआ राजी हो गया। short stories for kids pdf

इस पर कुछ बन्दर पेड़ से नीचे उतरे और उस कछुए को उठा कर ऊपर पेड़ के ऊपर बिठा दिया। वहाँ बैठ कर सबने खूब फल खाये। short stories for kids in hindi

जब बन्दर फल खा चुके तो वे कछुए को बिना बताये और उसको नीचे लाये बिना ही पेड़ पर से नीचे उतर आये। उन्होंने कछुए का नमक भी उठा लिया और उसको ले कर वहाँ से चले गये।

जब कछुए ने देखा कि वह पेड़ पर अकेला ही रह गया तो वह रोने लगा। उसकी इतनी भी हिम्मत नहीं हुई कि वह पेड़ पर से कूद पड़े। short stories for kids pdf

डर के मारे उसका रोना बढ़ गया और वह इतना रोया इतना रोया कि उसकी आँखों से आँसू बहने लगे और नाक से पानी। यह सब भी इतना बहा कि पेड़ की जड़ के पास एक छोटा सा नाला बन गया।

उसी समय वहाँ एक प्यासा हिरन आया और उसने उस नाले में से पानी पिया तो बोला — “ओह कितना अच्छा पानी है इस नाले का।” short stories for kids in hindi

कछुआ यह सुनते ही तुरन्त बोला — “यह नाला नहीं है यह तो मेरे आँसू हैं।”

फिर उसने हिरन को बताया कि वह क्यों रो रहा था। कछुए की कहानी सुन कर हिरन ने कहा — “कछुए भाई, तुम मेरी कमर पर कूद जाओ। मैं तुमको अपनी कमर पर ले सकता हूँ।”

कछुआ बोला — “तुम्हारी कमर तो केवल चार अंगुल चौड़ी है मुझे उस पर कूदने में डर लगता है।” और कछुआ हिरन की कमर पर नहीं कूदा।

उसी समय वहाँ पर एक बारहसिंगा आया। उसने भी उस नाले का पानी पिया और उस पानी की बड़ी तारीफ की। कछुआ फिर बोला — “यह नाले का पानी नहीं है यह तो मेरे आँसू हैं।” फिर उसने बारहसिंगे को भी बताया कि वह क्यों रो रहा था। बारहसिंगा भी बोला — “आओ कछुए भाई , तुम चिन्ता न करो तुम मेरी कमर पर कूद जाओ।”

कछुआ बोला — “तुम्हारी कमर तो केवल दो हाथ चौड़ी है मुझे उस पर कूदने में डर लगता है।” सो कछुआ बारहसिंगे की कमर पर भी नहीं कूदा। short stories for kids in hindi

तभी वहाँ से एक हाथी गुजरा। उसने भी उस नाले का पानी पिया और नाले के पानी की बहुत तारीफ की। कछुआ फिर बोला — “हाथी भाई , यह नाले का पानी नहीं है यह तो मेरे आँसू हैं।”

फिर उसने हाथी को भी बताया कि वह क्यों रो रहा था। कछुए की दुखभरी कहानी सुन कर हाथी भी दुखी हो गया। उसने भी कछुए से कहा — “कछुए भाई , मेरी पीठ तो बहुत बड़ी है तुम मेरी पीठ पर कूद जाओ। तुम यहाँ आराम से कूद सकते हो।” short stories for kids pdf

कछुए को भी लगा कि वह हाथी की पीठ पर आराम से कूद सकता है सो वह हाथी की पीठ पर कूद गया। अब क्योंकि कछुआ हाथी की रीढ़ की हड्डी पर कूदा था सो उसकी रीढ़ की हड्डी टूट गयी और वह मर गया। कछुए ने पेट भर कर हाथी का माँस खाया और फिर बन्दरों से बदला लेने के लिये बन्दरों के गाँव की ओर चल दिया। short stories for kids in hindi

कुछ ही देर में कछुआ बन्दरों के खेतों के पास आ पहुँचा। वहाँ जा कर वह टट्टी की और आगे बढ़ गया। कुछ देर के बाद बन्दर वहाँ आये उन्होंने समझा कि वह माँस पड़ा था सो वे उसे सब का सब खा गये।

कछुआ यह सब देख रहा था। वह बोला — “कुछ देर पहले ही तो तुम लोग मुझे पेड़ पर छोड़ आये थे और अब तुमने मेरी टट्टी खा ली?”

बन्दरों ने जब यह सुना तो उनको बड़ा गुस्सा आया। वे लोग कछुए के घर के पास पहुँचे और वहाँ टट्टी करके एक टोकरी में छिप कर बैठ गये। short moral stories for kids in hindi

कुछ देर बाद कछुआ अपने घर से बाहर निकला तो उसने अपने घर के बाहर बन्दरों की टट्टी देखी तो वह बन्दरों को ढूँढने लगा। उसने सोचा कि बन्दर भी यहीं कहीं पास में ही छिपे होंगे। उसने बन्दरों को ढूँढा तो देखा कि सारे बन्दर एक टोकरी में छिपे बैठे हैं उसने उन सारे बन्दरों को उसी टोकरी से बाँध दिया और उस टोकरी को नीचे लुढ़का दिया। short stories for kids in hindi

सारे बन्दर मर गये केवल एक बँदरिया को छोड़ कर। असल में उस बँदरिया ने गिरते समय एक बेल को पकड़ लिया था। वह बँदरिया गर्भवती थी। short stories for kids pdf

कहते हैं कि आज जितने भी बन्दर दुनियाँ में मौजूद हैं हैं वे सब उसी बँदरिया की सन्तान हैं।

10) कुत्ते और बकरे की कहानी :-

यह बहुत पुरानी बात है। उन दिनों की जब कुत्तों के भी सींग हुआ करते थे। एक दिन एक स्त्री ओखली में माँस कूट रही थी। जब वह माँस कूट चुकी तो एक कुत्ता आया और ओखली में लगा माँस चाटने लगा।

पर उसको लगा कि वह अपने सींगों की वजह से माँस ठीक से नहीं चाट पा रहा है सो उसने अपने सींग निकाल कर रख दिये और फिर से ओखली में लगा माँस चाटने लगा। अब वह आसानी से माँस चाट पा रहा था। short stories for kids in hindi

इतने में उधर से एक बकरा गुजरा। उसने सींग रखे देखे तो वे उसे बहुत अच्छे लगे और उसने उन्हें अपने सिर पर लगा लिये और चल दिया। short stories for kids pdf

कुत्ता जब माँस चाट चुका तो उसने अपने सींग देखे कि वह उनको अपने सिर पर लगा ले पर उसको तो अपने सींग ही कहीं दिखायी नहीं दिये। उसने इधर उधर देखा तो देखा कि एक बकरा उसके सींग अपने सिर पर लगाये भागा जा रहा है। short stories for kids in hindi

कुत्ते ने उससे अपने सींग लेने के लिये उसका पीछा किया परन्तु बकरा तो तब तक भाग चुका था। कुत्ता उसको पकड़ ही नहीं पाया। उस दिन से कुत्ते के सींग तो उसके सिर से चले गये और बकरे के सिर पर उसके सींग लग गये।

अब कुत्ता बकरे को देखते ही भौंकता है क्योंकि वह जानता है कि बकरे ने उसके सींग चुराये हैं। वह उनको फिर से लेने की कोशिश करता है पर वह उसके हाथ ही नहीं आता। short stories for kids pdf in hindi

11) लड़की और बंदर की शादी :-

एक बार की बात है कि एक लड़की नदी पर नहाने और पानी भरने गयी। उसने नहाने के लिये अपने कपड़े उतारे, उनको किनारे पर रखा और नहाने के लिये पानी में चली गयी। जब वह नहा रही थी तो एक बन्दर आया और उसके कपड़े उठा कर भाग गया। short stories for kids in hindi

लड़की ने बन्दर का पीछा किया और चिल्ला कर बोली — “ओ बन्दर, रुक जाओ, मेरे कपड़े वापस करो।” short stories for kids pdf

बन्दर बोला — “अगर तुम मुझसे शादी करोगी तभी मैं तुम्हारे कपड़े वापस करूँगा।”

लड़की यह सुन कर हैरान रह गयी। वह बोली — “यह तुम क्या कह रहे हो? मैं तुमसे शादी कैसे कर सकती हूँ? मैं एक लड़की हूँ और तुम बन्दर।” short stories for kids in hindi

बन्दर बोला — “ठीक है। मत करो शादी मुझसे। मैं भी तुम्हारे कपड़े नहीं दूँगा।”

लड़की बेचारी यह सुन कर बहुत ही परेशान हुई पर वह कुछ कर नहीं सकती थी। आखिर थक हार कर वह उस बन्दर से शादी करने को तैयार हो गयी। शादी करने के बाद वह बन्दर उसको अपने घर ले गया।

जब बन्दर उस लड़की को अपने घर ले जा रहा था तो रास्ते में उस लड़की ने बन्दर से पूछा — “तुम मुझे खिलाओगे क्या?” बन्दर बोला — “मैं तुम्हारे लिये लोगों के खेत से चावल चुरा कर लाऊँगा वही तुमको खिलाऊँगा।” short stories for kids pdf

इस तरह वह लड़की बन्दर के साथ रहने लगी। बन्दर उस लड़की के लिये लोगों के खेतों से मक्का और चावल चुरा कर लाता था। वह उसी को पकाती थी और खाती थी। short stories for kids in hindi

वह लड़की उस बन्दर के साथ रहती जरूर थी पर वह हमेशा यही सोचती रहती कि किस तरह वह बन्दर के घर से भाग जाये। एक दिन जब उसका बन्दर पति बाहर गया हुआ था तो उसने उसकी बूढ़ी माँ को जो उसी घर में रहती थी मार दिया। उसने उसकी खाल निकाल ली और खुद उसको पहन कर बैठ गयी। जब बन्दर घर वापस आया तो उसने माँ को देख कर उससे पूछा — “माँ, मेरी पत्नी कहाँ है?”

उसकी पत्नी जो उसकी माँ बनी बैठी थी बोली — “बेटा, मुझे क्या मालूम तेरी पत्नी कहाँ है, कहीं भाग गयी होगी।” short stories for kids pdf

यह सुन कर बन्दर पति बहुत गुस्सा हुआ और बोला — “तुमको नहीं पता कि मेरी पत्नी कहाँ भाग गयी? अच्छा तो यह है कि तुम भी भाग जाओ।”

और उसने उसको डंडे से काई बार पीटा।

लड़की यह सुन कर बहुत खुश हुई और बोली — “ठीक है, यदि तुम मुझे इस घर में नहीं देखना चाहते तो मैं अभी इस घर से चली जाती हूँ।” short stories for kids in hindi

और यह कह कर वह लड़की जितनी तेज़ भाग सकती थी उतनी तेज़ वहाँ से भाग ली।

भागते भागते वह अपने भाइयों के घर आ पहुँची और सारा हाल उसने अपने भाइयों को बताया। यह सब सुन कर उसके भाई भी बहुत गुस्सा हुए और बहिन के बन्दर पति को अपनी बन्दूक से गोली मारने चल दिये पर वह बन्दर पति उनको कहीं मिला ही नहीं सो वे उसको बिना मारे ही वापस लौट आये।

कुछ दिनों बाद उस लडकी के बच्चा हुआ। अब था तो वह बन्दर का बच्चा ही न, इसलिये वह बन्दर जैसा ही था। short stories for kids pdf

लड़की के भाइयों को अपनी बहिन का यह बन्दर बच्चा फूटी आँख नहीं भाता था। वे उसको मारना चाहते थे मगर लड़की का तो वह अपना बच्चा था इसलिये वह उनको उसे मारने नहीं देती थी।

धीरे धीरे वह बन्दर बच्चा बड़ा हो गया। एक दिन उसकी माँ ने कहा — “मेरे बेटे, अब तू बड़ा हो गया है। अब तुझे जंगल चले जाना चाहिए और अपने पिता के पास ही रहना चाहिए।” short stories for kids in hindi

यह सुन कर वह बन्दर बच्चा जंगल चल दिया। वह पहाड़ियों के पास आराम करता था, पेड़ों पर चढ़ता था पर बोलता नहीं था। जिस दिन वह बन्दर बच्चा जंगल की तरफ चला उसके जाने के कुछ देर बाद ही उसकी माँ ने जिन मशीन से कपास साफ करनी शुरू की। short stories for kids pdf

जब उस मशीन की आवाज बन्दर बच्चे के कानों में पड़ी तो वह बोला — “ओह मेरी माँ अकेली कपास साफ कर रही है।” यह सोच कर वह बहुत दुखी हो गया और तुरन्त ही घर की तरफ दौड़ चला।

बन्दर बच्चे की माँ को भी अपने बेटे की बहुत याद आ रही थी पर वह अपने भाइयों के डर से अपने बन्दर बच्चे को साथ रखने में डरती थी। सो जब उसका बेटा घर आया तो वह उसको देख कर तो बहुत खुश हुई पर फिर जंगल भेजने पर मजबूर हो गयी। short stories for kids in hindi

अगले दिन उसने फिर बन्दर बच्चे को जंगल भेज दिया और उस दिन उसने कपास साफ करने वाली मशीन नहीं चलायी। सो बन्दर का बच्चा भी जब पेड़ पर चढ़ा तो उसे जिन की आवाज नहीं सुनायी दी और वह फिर हमेशा के लिये जंगल की तरफ चला गया। short stories for kids pdf in hindi

12) बेटा, जो देर से पैदा हुआ :-

एक युगल था, जिनके यहाँ वृद्धावस्था में एक पुत्र का जन्म हुआ। पर वृद्ध को समझ नहीं आ रहा था कि वह अपने बेटे का नाम क्या रखे! तब वह नाम का चयन करने के लिए एक ज्योतिषी के पास गया। यह जानकर कि पुत्र का जन्म वृद्धावस्था में हुआ है, ज्योतिषी ने उसका नाम नोमोल रख दिया।

वृद्ध आदमी ने उसे एक शॉल व चाँदी का सिक्का उपहार में दिया। कहीं वह नाम न भूल जाए, इस आशंका से वृद्ध वापस जाते हुए बार-बार ‘नोमोल-नोमोल’ बोलता जा रहा था। रास्ते में ‘नोमोल’ बदलकर ‘नेमेल’ हो गया। short stories for kids in hindi

जब वह नदी के तट से गुजरा तो वहाँ एक व्यापारी ने तट पर अपनी नाव बाँध रखी थी। जैसे ही वृद्ध आदमी व्यापारी की नाव के पास पहुँचा, व्यापारी ने नाविक को नाव खोलने का आदेश दिया। नाविक जैसे ही ऐसा करने लगा कि उन्होंने वृद्ध आदमी को ‘नेमेल, नेमेल’ (जिसका अर्थ उनकी भाषा में होता था कि नाव में मत जाओ) बोलते सुना। short stories for kids in hindi

यह सुन नाविक ने व्यापारी से कहा कि एक वृद्ध आदमी ने हमें नाव के पाल खोलने के लिए मना किया है। व्यापारी ने वृद्ध आदमी को बुलाया और उससे इसकी वजह पूछी। वृद्ध आदमी को लगा कि अगर उसने व्यापारी की बात का जवाब दिया तो हो सकता है कि वह नाम भूल जाए, इसलिए वह लगातार ‘नेमेल-नेमेल’ ही उच्चारता रहा। short moral stories for kids in hindi

व्यापारी ने गुस्से में कहा, “इतने लंबे समय तक यहाँ रहने के बाद मैंने नाविक को नाव खोलने का आदेश दिया, पर न जाने कहाँ से यह बदनसीब आदमी आ गया और मेरी शुभ यात्रा में बाधा डाल रहा है। इसके हाथ इसके पीछे बाँध दो और इसकी खूब पिटाई करो।” short stories for kids in hindi

पिटने के बाद वृद्ध आदमी नेमेल भूल गया और उसकी जगह ‘नोहोबोर होल’ बोलता-बोलता चलने लगा (इन शब्दों का अर्थ होता है, छैल-छबीला)। उसी समय एक आदमी खूब सज-धजकर शानदार कपड़े पहने वहाँ से निकला। उसे लगा कि उसका मजाक उड़ाया जा रहा है, क्योंकि उसने बहुत तड़क-भड़क वाले कपड़े पहने हुए थे। यह सोच उसने अपनी छड़ी से उसे खूब मारा। short stories for kids pdf

दर्द से कराहते हुए वृद्ध आदमी ‘नोहोबोर होल’ शब्द भूल गया और रोते-रोते बोलने लगा, ‘सितुतकोई ईतुहे सोरा’ (यानी कि यह दबसरे से कहीं बेहतर है)। उसी समय घैंघा रोग से पीड़ित दो आदमी वहाँ से गुजरे। उन्हें लगा कि वह उनकी बीमारी का मजाक उड़ा रहा है। short stories for kids in hindi

क्रोधित हो वह उसे तब तक मारते रहे जब तक कि वह जमीन पर गिर न गया। दर्द से कराहता किसी तरह लड़खड़ाता हुआ वह वृद्ध आदमी घर पहुँचा। घर पहुँचकर उसने पत्नी को सारी बात बताई कि उसे कैसे-कैसे संकटों का सामना करना पड़ा। उसने दुःखी होकर कहा,

“ठीक है, जो हुआ सो हुआ। अब मुझे वह नाम बताओ, जो ज्योतिषी ने बताया है।”

वृद्ध आदमी बोला, “बार-बार मुझ पर जो प्रहार हुआ है, उसकी वजह से मैं नाम भूल गया हूँ।”

यह सुन वृद्ध स्त्री बोली, “अगर तुम नाम भूल गए हो तो हम क्या कर सकते हैं? कोई बात नहीं। अब बेटे का नाम रखने की बात हम यहीं खत्म कर देते हैं। अब हमें अपने भूमि के टुकड़े पर खेती करने की बात पर ध्यान देना चाहिए। जाओ और जाकर नोमोलिया (नरम) चावल के पौधे को रोपो।”

‘नोमोलिया’ शब्द सुनते ही वृद्ध आदमी को अपने बेटे का नाम ‘नोमोल’ याद आ गया। तब वह गुस्से से अपनी पत्नी को बोला, “अगर तुम्हें बेटे का नाम पता ही था, तुमने मुझे इतनी यातना और पिटाई सहने पर मजबूर क्यों किया?” यह कहकर वृद्ध आदमी अपनी पत्नी को जोर-जोर से डाँटने लगा। short stories for kids in hindi

उसका क्रोध उसकी पत्नी ने उससे माफी माँगी और फिर समझाया कि उसे वास्तव में वह नाम नहीं पता था जो ज्योतिषी ने सुझाया था। वृद्ध को भी तब अपनी गलती का अहसास हुआ। वृद्ध युगल ने अपने पुत्र का नाम नोमोल रख दिया और खुशी-खुशी रहने लगे। short stories for kids in hindi

13) जब पेड़ चलते थे :-

बेशक वे बड़े सुनहरे दिन थे।

उन दिनों आदमी जंगलों में भटकता फिरता था। आदमी की तरह ही पेड़ भी घूमते-फिरते थे। आदमी उनसे जो कुछ भी कहता, वे उसे सुनते-समझते थे। जो कुछ भी करने को कहता, वे उसे करते थे। कोई आदमी जब कहीं जाना चाहता था तो वह पेड़ से उसे वहाँ तक ले चलने को कहता था। पेड उसकी बात मानता और उसे गंतव्य तक ले जाता था। जब भी कोई आदमी पेड़ को पुकारता, पेड़ आता और उसके साथ जाता। short stories for kids pdf

पेड़ उन दिनों चल ही नहीं सकते थे बल्कि आदमी की तरह दौड़ भी सकते थे। असलियत में, वे वो सारे काम कर सकते थे जो आदमी कर सकता है। short stories for kids in hindi

उन दिनों ‘इलपमन’ नाम की एक जगह थी। वास्तव में वह मनोरंजन की जगह थी। पेड़ और आदमी वहाँ नाचते थे, गाते थे, खुब आनन्द करते थे। वहाँ वे भाइयों की तरह हँसते-खेलते थे।

लेकिन समय बदला। इस बदलते समय में आदमी के भीतर शैतान ने प्रवेश किया। उसके भीतर । बुराइयाँ पनप उठीं। short stories for kids in hindi

एक दिन कुछ लोगों ने पेड़ों पर लादकर कुछ सामान ले जाना चाहा। परन्तु उन पर उन्होंने इतना अधिक बोझ लाद दिया कि पेड़ मुश्किल से ही कदम बढ़ा सके। वे बड़ी मुश्किल से डगमगाते हुए चल पा रहे थे।

पेड़ों की उस हालत पर उन लोगों ने उनकी कोई मदद नहीं की। वे उल्टे उनका मजाक उड़ाने लगे।

पेड़ों को बहुत बुरा लगा। वे मनुष्य के ऐसे मित्रताविहीन रवैये से खिन्न हो उठे। वे सोचने लगे कि मनुष्य के हित की इतनी चिन्ता करने और ऐसी सेवा करने का नतीजा उन्हें इस अपमान के रूप में मिल रहा है।

उसी दिन से पेड़ स्थिर हो गए। उन्होंने आदमी की तरह इधर-उधर घूमना और दौड़ना बन्द कर दिया।

अब आदमी को अपनी गलती का अहसास हुआ। वह पेड़ के पास गया और उससे पहले की तरह ही दोस्त बन जाने की प्रार्थना की। लेकिन पेड़ नहीं माने। वे अचल बने रहे।

इस तरह आदमी के भद्दे और अपमानजनक रवैये ने उससे उसका सबसे अच्छा मित्र और मददगार छीन लिया। short stories for kids in hindi

14) सूरज की ओर :-

बहुत पहले की बात है। एक आदमी ने सूरज की ओर जाना शुरू किया। उसे रास्ता नहीं पता था। रास्ते में उसे अनेक कठिनाइयाँ आईं, लेकिन वह चलता रहा। जब सूरज डूब गया, वह वहीं रुक गया।

घना जंगल उसके चारों ओर था। जंगल में उसने थोड़ी जगह साफ की और एक झोंपड़ी बना ली। उसके चारों ओर उसने केला, पपीता, सुपारी, नारियल आदि फलों के पौधे रौंप दिए। इनसे उसे पर्याप्त भोजन मिलने लगा। short stories for kids pdf

इस तरह समय बीतता रहा।

एक दिन मलक्का गाँव के लोगों ने एक पक्षी को चोंच में मछली दबाकर पश्चिम की तरफ उड़ते देखा। उन लोगों को बड़ा आश्चर्य हुआ। वापसी में वे उसका पीछा करने लगे। कुछ समय बाद वह पक्षी एक झरने में जा उतरा। पानी वहाँ चाँदी की तरह चमक रहा था। short stories for kids in hindi

लोगों ने सोचा कि पक्षी ने यहीं कहीं से मछली पकड़ी होगी। उन्हें उस जगह का नाम नहीं पता था। लेकिन वे खुश थे कि उन्होंने एक झरने को खोज लिया है। इधर-उधर देखने पर उन्हें वहाँ एक झोंपड़ी दिखाई दी। उसके चारों ओर फलों का बगीचा था। उन्हें आश्चर्य हुआ कि ऐसे घने और सुनसान जंगल में कौन अकेला रह रहा है ! वे धीरे-धीरे झोंपड़ी तक गए और उसका दरवाजा खटखटाया।

आदमी बाहर आया।

“आप कौन हैं ?” उसने उनसे पूछा।

“हम मलक्का के निवासी हैं।” वे बोले, “हम पूरब की ओर उड़ते एक पक्षी का पीछा करते हुए यहाँ पहुँचे हैं। आप कौन हैं और यहाँ अकेले क्यों रहते हैं ?” short stories for kids pdf

“मैं भी कभी मलक्का में ही रहता था।” उसने उत्तर दिया, “एक दिन मैंने सूरज की तरफ चलना शुरू किया। सूर्यास्त तक मैं यहाँ पहुँचा और तब से यहीं रहने लगा।” short moral stories for kids in hindi

यह सुनकर मलक्कावासियों ने अपने गाँव से आए उस पहले आदमी को गले लगाया और पुनः मिलने का वादा करके वापस अपने गाँव को लौट गए। short stories for kids in hindi

एक दिन ‘पहले आदमी ‘ को पता चला कि घर में नमक का एक कण भी नहीं है। वह नमक की खोज में झोंपड़ी से बाहर निकला। कुछ दूर चलने पर उसने एक अन्य आदमी को देखा।

“नमस्ते भाई, आप कौन हैं और कहाँ से आए हैं ?” पहले आदमी ने पूछा।

“मैं फोबोई गाँव का रहने वाला हूँ और लम्बे समय से यहाँ रह रहा हूँ।” वह बोला।

दोनों आदमी गहरे दोस्त बन गए। कुछ समय तक बातें करने के बाद दोबारा मिलने का वादा करके वे अपने-अपने रास्ते पर चले गए। short stories for kids pdf

15) नारियल का जन्म :-

पुराने समय में कार-निकोबार के एल्कामेरो में दो मित्र रहते थे। एक का नाम असोंगी और दूसरे का एनालो था। दोनों एक दूसरे को बहुत प्यार करते थे। वे साथ-साथ काम करते, जो कुछ वे कमाते उससे साथ-साथ खाते और दुःख-सुख में साथ रहते। दोनों पूरे दिन काम में लगे रहते थे।

कार-निकोबार में एक बार सूखा पड़ा। हालांकि निकोबार चारों ओर समुद्र से घिरा था लेकिन पूरे साल पानी की एक बूँद भी नहीं बरसी थी। सारे कुएँ सूख गए थे। मनुष्य, जानवर, पक्षी बिना पानी के मर रहे थे।

असोंगी एक अच्छा जादूगर था। उसके गाँव वाले ही नहीं दूर-दूर से दूसरे लोग भी उसका जादू देखने को आते थे। एक दिन दोनों दोस्त घास काटने को गए। असोंगी को अपनी छुरी तेज करनी थी, लेकिन आसपास कहीं पानी नजर नहीं आ रहा था। ऐसे में असोंगी जंगल में घुस गया और जादू के बल पर जमीन से पानी निकाल लिया। उसे लेकर वह अपने मित्र एनालो के पास आया। एनालो को बड़ा आश्चर्य हुआ।

“यह पानी तुम कहाँ से ले आए?” उसने असोंगी से पूछा।

“जंगल के भीतर से ।” असोंगी ने संक्षिप्त-सा उत्तर दिया।

“देखो, मैं तुम्हारा सबसे गहरा दोस्त हूँ।” एनालो लालचपूर्वक बोला, ”मुझे भी यह जादू सिखाओ न!”

“एनालो, मेरे दोस्त, मुझे तुम्हारी दोस्ती पर कोई शक नहीं।” असोंगी ने सपाट आवाज में बोलना शुरू किया, “लेकिन, मेरे गुरुजी का कहना था कि हर विद्या हर आदमी को नहीं सिखाई जा सकती। इसलिए…।” short stories for kids in hindi

“अच्छा! तो मैं जादू सीखने के योग्य नहीं हूँ ?” उसकी बात सुनकर एनालो क्रोधपूर्वक चीखा। इस नाराजगी में उसने अपने मित्र का सिर धड़ से उड़ा दिया। असोंगी के धड़ को उसने वहीं दफन कर दिया और सिर को लेकर घर आ गया। घर पर उसने असोंगी के सिर को एक खम्भे पर लटका दिया।

रात में वह सिर एनालो से बहुत-सी बातें किया करता था। इससे डरकर एनालो गाँव छोड़कर भाग गया। वह दूसरे गाँव में जा पहुँचा। वहाँ उसने शादी की और आराम से रहने लगा। कुछ समय बाद उसके घर एक पुत्री का जन्म हुआ। वह एक खूबसूरत लड़की थी। सभी उसे प्यार करते थे।

एक बार अचानक लड़की बीमार पड़ गई। एनालो ने उसका बहुत इलाज कराया लेकिन किसी भी दवा से उसे आराम नहीं हुआ। short stories for kids pdf

दुःखी और थका-हारा एनालो एक रात जल्दी सो गया। गहरी नींद में उसने एक स्वप्न देखा। सपने में उसके दोस्त असोंगी के कटे हुए सिर ने उससे यह कहा :

“इस सिर को जमीन में दबा दो। उससे एक पेड़ उगेगा। जब उस पर फल आ जाएँ तब उस फल को तोड़ना। उस फल को काटने पर उसके भीतर पानी निकलेगा। वह पानी अपनी बेटी की पिलाओ। वह ठीक हो जाएगी।” एनालो की नींद टूट गई। वह मूँह-अँधेरे ही उठ बैठा और दौड़ता हुआ अपने पुराने गाँव में पहुँचा। घर में खम्भे पर लटके असोंगी के सिर को उसने उसके बताए अनुसार जमीन में दबा दिया।

कुछ समय बाद उस सिर से एक पेड़ पैदा हुआ। उस पर फल लगे। एनालो ने फलों को बीच से काटा और पानी निकालकर बेटी को पिलाया। कुछ ही दिनों में लड़की बिल्कुल चंगी हो गई। एनालो उसे स्वस्थ देखकर बहुत खुश हुआ। उसे दुःख हुआ कि उसने असोंगी जैसे भला चाहने वाले मित्र के साथ घात किया। short stories for kids pdf

निकोबार के लोग आज भी नारियल को असोंगी के सिर से पैदा हुआ फल मानते हैं।

16) चमगादड़ का जन्म :-

बहुत समय पहले की बात है। एक विदेशी जलपोत कहीं दूर से आया। लेकिन इससे पहले कि वह किनारे पर लग पाता–तूफान में फँस गया। नाविकों ने उसे बचाने की भरपूर कोशिश की लेकिन वह एक चट्टान से टकरा गया और चकनाचूर हो गया। short stories for kids in hindi

नाविकों और यात्रियों ने तैरकर किनारे पहुँचने की भरपूर कोशिश की लेकिन उनमें से अधिकांश डूब गए। बचे हुए लोगों में से कुछ किमिओस द्वीप पर जा पहुँचे। उन सभी के कपड़े फट चुके थे। शरीर घायल थे। सभी की हालत दयनीय थी। काफी समय तक वे सागर-किनारे बेहोश पड़े रहे।

होश आने पर वे भोजन और आवास की तलाश में भटकने लगे। उस समय तक तूफान थम चुका था और मौसम शान्त हो गया था। बिना कुछ खाए-पिए वे लोग जंगल में घुस पड़े। वहाँ उन्हें ऊँचे-ऊँचे नारियल के पेड़ नजर आए। वे उन पर चढ़ गए उन्होंने फलों को तोड़कर पानी पिया और गूदा खाया।

चारों ओर अंधेरा छा गया था। आसपास की चीजें दिखाई देनी बन्द हो गई थीं। किसी तरह उन्होंने पेड़ों की शाखाओं को पकड़ा और उन पर लटक गए। short stories for kids in hindi

अण्डमानी आदिम जनजाति के लोगों का मानना है कि शाखाओं से लटके वे लोग रात भर में ही चमगादड़ बन गए। युवा लोग छोटे चमगादड़ और वृद्ध लोग बड़े चमगादड़ बने। इससे पहले उस द्वीप पर एक भी चमगादड़ नहीं था। short stories for kids pdf

यही चमगादड़ बाद में बाकी द्वीपों के जंगलों में भी फैल गए।

17) चोरी हुआ टापू :-

बहुत समय पहले काकना गाँव के पास एक छोटा-सा टापू था। छोटा होने पर भी वह एक दर्शनीय टापू था। उस पर कोई रहता नहीं था। लोग उस पर सिर्फ घूमने और शिकार करने के लिए जाते थे।

टापू पर ‘साका’ नाम का एक पक्षी भी आता-जाता था। पूरी दूनिया में वह एक ही पक्षी था। वह छोटा परन्तु बहुत चतुर-चालाक था। short stories for kids pdf

वर्षों तक साका टापू में उड़ान भरता रहा । उसको टापू इतना अधिक भाया कि उसने उसे अपने साथ ले जाने की योजना बनाई ताकि उसके रहने की जगह हमेशा खूबसूरत बनी रहे । उसके सिवा कोई और वहाँ न हो । short stories for kids in hindi

एक रात, जब सारी दुनिया सोई हुई थी, साका ने सोचा– अच्छा मौका है। ऐसे में मुझे इस टापू को ले उड़ना चाहिए।

साका कल्पना में खो गया। उसे लगा कि पूरा टापू उसके घर में है और वह आराम से टापू में उड़ान भर रहा है। वहाँ उसका एक प्यारा घोंसला है। तरह-तरह के दूसरे पक्षी आसपास चहक रहे हैं। सभी उस टापू की प्रशंसा कर रहे हैं और वहाँ रुक जाना चाहते है। अचानक उसकी तन्द्रा टूटी और वह उस छोटे टापू को पीठ पर लादकर अपने निवास की ओर उड़ चला।

साका छोटा था। वह बड़ी सावधानी के साथ उस भारी-भरकम टापू को लेकर उड़ रहा था। दिन निकलने से पहले वह अपने निवास पर पहुँच जाना चाहता था। लेकिन समय उसकी उड़ान की तुलना में तेजी से गुजर रहा था। short stories for kids pdf

जैसा कि उसको डर था, रात समाप्त हो गई। दिन निकल आया। लोग जाग उठे। उन्होंने साका को टापू लेकर जाते हुए देख लिया। short stories for kids in hindi

पूरब की ओर से आती सूरज की पहली किरण पड़ते ही साका ने टापू को नीचे फेंक दिया और तेजी से अपने निवास की ओर उड़ गया। टापू उलटकर समुद्र में जा गिरा।

लोगों का मानना है कि चौरा के रास्ते में सागर के बीच झाँकता ‘छोटा टापू’ ही वह चोरी हुआ टापू है।

18) बौनों का देश :-

हजारों साल पहले मलक्का के लोग घूमते-घामते एक ऐसी जगह जा पहुँचे जहाँ एक गुफा-सी थी। उसमें इतना अंधेरा था कि वे चाहकर भी उसके भीतर जाने का साहस न कर सके।

तब उन्होंने नारियल की कुछ सूखी पत्तियों को इकट्ठा करके उन्हें जलाया। उस प्रकाश में वे उसके भीतर गए। अन्दर उन्हें एक संकरा रास्ता दिखाई पड़ा। उस रास्ते को पार करके वे एक शानदार जगह पर जा पहुँचे। short stories for kids pdf

वास्तव में यह पाताल में बौनों का शहर था। उन्होंने वहाँ ढेर सारी हरी घास और अंडों का अम्बार देखा। ये अंडे बौने चोरों ने पक्षियों के घोंसलों से चुराए थे। short stories for kids in hindi

मलक्कावासियों ने उन अंडों को वहाँ से चुराया और अपने घर ले आए। इसके बाद वे जब भी मौका पाते, उस पाताल-गुफा में घुस जाते, अंडों को चुराते और मलक्का लौट आते।
लेकिन एक दिन अंडे चुराते हुए उन्हें बौनों ने पकड़ा लिया।
“तुम लोग कौन हो? और हमारे अंडे क्‍यों चुरा रहे हो?” बौनों ने पूछा।

“हम पृथ्वीवासी हैं। लेकिन आप कौन हैं ? आपके पूर्वज कौन थे ?” मलक्का वालों ने पूछा।

“हम भी अपने पूर्वजों के वंशज हैं। लेकिन आप आगे से हमारे अंडे नहीं चुरा सकते ।” बौनों ने कहा।

“इसके लिए तुम लोगों को हमारे साथ नृत्य करना होगा।” मलक्कावासी बोले, “अगर हम जीते तो अंडे ले जाएँगे और अगर आप जीते तो हम आगे कभी यहाँ नहीं आएँगे।”
बौने सहमत हो गए।
नृत्य-प्रतियोगिता शुरू हो गई। दोनों जाति के लोग कई दिनों तक लगातार नाचते रहे।
अंत में, मलक्‍का वाले हार गए। अतः वे अपने गाँव को लौट आए। short stories for kids in hindi

बौनों ने तब गुफा के आगे सुपारी का एक पेड़ उगा दिया और उसका मुँह पत्थरों से बंद कर दिया।

तब से मलक्का के लोग पाताल में उतरने का रास्ता भूल गए और कभी वहाँ नहीं जा पाए।

19) खुले केश की छाया :-

एक लड़की छोटी थी। बड़ी हुई। बहुत चतुर। घर में बूढ़ा बाप, माँ नहीं। लड़की पानी लाने रोज नदी पर जाती। उस दिन चिलचिलाती धूप। लड़की ने घड़ा पानी में डुबोया। पानी भरकर कदम बढ़ा चली। दाहिने हाथ में पानी भरा लोटा।

देखा एक लड़का गबरू जवान, सुंदर चला आ रहा है। कुछ बतियाने को मन विचलित, पर जबान न खुली। पता नहीं किस देश का होगा? वह भी युवती को देख बतियाने को तरस उठा, मानो रूप को पीने लगा। short stories for kids in hindi

युवती को बढ़ते देख पूछा, “रात में रहने के लिए गाँव में जगह मिलेगी?”

युवती ने कह दिया—

“खुले केश की छाया,

शीतल छावनी घर।

शीत छोड़ेगा आग।

यह जहाँ देखो, वहीं जगह मिलेगी।” कहकर वह चली गई।

यह सुनकर युवक का सिर चकरा गया। वह सिर पर हाथ रख बैठ गया। बैठे-बैठे साँझ हो गई। कहाँ, कैसे जाऊँ?

इतने में एक बूढ़ा आ पहुँचा।

“अरे, रात हो रही, यहाँ क्यों बैठे हो?”

युवक ने कहा—

“खुले केश की छाया,

शीतल छावनी घर,

शीत छोड़ेगा आग।”

इसका अर्थ न समझ, बैठा हूँ।

“यों रात भर बैठना नहीं, मुझे ठिकाने पर आज रहना है। कुछ समझता नहीं, वहाँ जाऊँ कैसे?”

बूढ़े ने कहा, “बाल खुले, छाया का अर्थ? खजूर का पेड़। औरत खुले बालों से खड़ी रहने की तरह, बाल बिखेरे खड़ा रहा खजूर। जिसके द्वार पर खजूर है, वहाँ चला जा। short stories for kids in hindi

“शीतल छावनी घर, जिसके घर के सामने सदा छाँव किए रहे, लता-फूल हों। यहाँ तमाल, मालती भरी छाया करें। ये विवाह वाली छावनी नहीं, जिसके द्वार ऐसे छावनी, वहाँ जाना।

“शीत न छोड़े आग—सिगड़ी की राख में ढपी आग हो। सुनार के घर सिगड़ी सदा जलती रहे। एक बेटी, पानी लाने रोज जाती है। उसने बुलाया होगा। तेरा भाग्य तेज है।” short moral stories for kids in hindi

जवान खोज-खोज जा पहुँचा दरवाजे पर। सुनार की बेटी प्रतीक्षा में थी। आदर से अंदर ले गई। बूढ़े सुनार ने आदर किया। कुछ दिन बाद उसका विवाह हो गया। दोनों सुख से रहने लगे।

20) एक आजाद पंछी की कहानी :-

एक जुलाहा सूत कातने के लिए रुई लेकर आ रहा था। वह नदी किनारे सुस्ताने के लिए बैठा ही था कि जोर की आँधी आई। आँधी में उसकी सारी रुई उड़ गई। जुलाहा घबराया–अगर बिना रुई के घर पहुँचा तो मेरी पत्नी तो बहुत नाराज़ होगी। घबराहट में उसे कुछ न सूझा। उसने सोचा, यही बोल दूँगा-फुर्र-फुर्र। और वह फुर्र-फुर्र बोलता जा रहा था। आगे एक चिड़ीमार पक्षी पकड़ रहा था।

जुलाहे की फुर्र-फुर्र सुनकर सारे पक्षी उड़ गए। चिड़ीमार को बहुत गुस्सा आया। वह जुलाहे पर बहुत चिल्लाया तुमने मुझे बरबाद कर दिया। आगे से तुम ऐसा कहना, पकड़ो! पकड़ो!

जुलाहा जोर-जोर से “पकड़ो! पकड़ो!” रटता गया। रास्ते में कुछ चोर रुपए गिन रहे थे। जुलाहे की “पकड़ो! पकड़ो!” सुनकर वे घबरा गए। फिर उन्होंने देखा कि अकेला जुलाहा ही चला आ रहा था। चोरों ने उसे पकड़ा और घूरते हुए कहा-यह क्‍या बक रहे हो? हमें मरवाने का इरादा है क्या? तुम्हें कहना चाहिए, इसको रखो, ढेरों लाओ, समझे ? short stories for kids in hindi

जुलाहा यही कहता हुआ आगे बढ़ गया-इसको रखो, ढेरों लाओ। जब वह श्मशान के पास से गुजर रहा था तो वहाँ गाँववाले शवों को जला रहे थे।

उस गाँव में हैजा फैला हुआ था। लोगों ने जुलाहे को कहते सुना, ‘इसको रखो, ढेरों लाओ’, तब उन्हें बड़ा गुस्सा आया। वे चिल्लाए, तुम्हें शर्म नहीं आती है? हमारे गाँव में इतना भारी दुख फैला है और तुम ऐसा बकते हो। तुम्हें कहना चाहिए यह तो बड़े दुख की बात है। short stories for kids pdf in hindi

जुलाहा शर्म से पानी-पानी हो गया। वह यही रटता हुआ आगे बढ़ने लगा-यह तो बड़े दुख की बात है। कुछ देर बाद वह एक बरात के पास से गुजरा। बरातियों ने उसे यह कहते हुए सुना, ‘यह तो बड़े दुख की बात है, यह तो बड़े दुख की बात है।’ इतना सुनकर वे जुलाहे को पीटने के लिए तैयार हो गए। बड़ी मुश्किल से उसने सफाई दी तो उन्होंने कहा– सीधे से आगे बढ़ो, और हाँ, अब तुम यह रटते जाना-भाग्य में हो तो ऐसा सुख मिले। short stories for kids pdf

अब जुलाहा यही रटता हुआ अपनी राह चल पड़ा। चलते-चलते अँधेरा हो गया। घर से निकलते समय उसकी पत्नी ने उससे यही कहा था कि “जहाँ रात हो जाए वहीं सो जाना।’ जुलाहा थक भी गया था। वह वहां सो गया।” short stories for kids in hindi

अगले दिन जब सुबह उसके मुँह पर पानी पड़ा, तब जुलाहा हड़बड़ा कर उठा। आँखें खोलीं तो देखता ही रह गया-यह तो उसी का घर था। और अभी-अभी उसकी पत्नी ने ही उस पर पानी फेंका था। जुलाहे के मुँह से निकला-भाग्य में हो तो ऐसा सुख मिले। short moral stories for kids in hindi

21) तीन पुतले :-

महाराजा चन्द्रगुप्त का दरबार लगा हुआ था। सभी सभासद अपनी अपनी जगह पर विराजमान थे। महामन्त्री चाणक्य दरबार की कार्यवाही कर रहे थे।

महाराजा चन्द्र्गुप्त को खिलौनों का बहुत शौक था। उन्हें हर रोज़ एक नया खिलौना चाहिए था। आज भी महाराजा के पूछने पर कि क्या नया है; पता चला कि एक सौदागर आया है और कुछ नये खिलौने लाया है। short stories for kids pdf

सौदागर का ये दावा है कि महाराज या किसी ने भी आज तक ऐसे खिलौने न कभी देखें हैं और न कभी देखेंगे। सुन कर महाराज ने सौदागर को बुलाने की आज्ञा दी। सौदागर आया और प्रणाम करने के बाद अपनी पिटारी में से तीन पुतले निकाल कर महाराज के सामने रख दिए और कहा कि अन्नदाता ये तीनों पुतले अपने आप में बहुत विशेष हैं। short stories for kids in hindi

देखने में भले एक जैसे लगते हैं मगर वास्तव में बहुत निराले हैं। पहले पुतले का मूल्य एक लाख मोहरें हैं, दूसरे का मूल्य एक हज़ार मोहरे हैं और तीसरे पुतले का मूल्य केवल एक मोहर है।

सम्राट ने तीनों पुतलों को बड़े ध्यान से देखा। देखने में कोई अन्तर नहीं लगा, फिर मूल्य में इतना अन्तर क्यों? इस प्रश्न ने चन्द्रगुप्त को बहुत परेशान कर दिया। short stories for kids in hindi

हार के उसने सभासदों को पुतले दिये और कहा कि इन में क्या अन्तर है मुझे बताओ। सभासदों ने तीनों पुतलों को घुमा फिराकर सब तरफ से देखा मगर किसी को भी इस गुत्थी को सुलझाने का जवाब नहीं मिला। चन्द्रगुप्त ने जब देखा कि सभी चुप हैं तो उस ने वही प्रश्न अपने गुरू और महामन्त्री चाणक्य से पूछा। short stories for kids pdf

चाणक्य ने पुतलों को बहुत ध्यान से देखा और दरबान को तीन तिनके लाने की आज्ञा दी। तिनके आने पर चाणक्य ने पहले पुतले के कान में तिनका डाला। सब ने देखा कि तिनका सीधा पेट में चला गया, थोड़ी देर बाद पुतले के होंठ हिले और फिर बन्द हो गए।

अब चाणक्य ने अगला तिनका दूसरे पुतले के कान में डाला। इस बार सब ने देखा कि तिनका दूसरे कान से बाहर आगया और पुतला ज्यों का त्यों रहा। ये देख कर सभी की उत्सुकता बढ़ती जा रही थी कि आगे क्या होगा। short stories for kids in hindi

अब चाणक्य ने तिनका तीसरे पुतले के कान में डाला। सब ने देखा कि तिनका पुतले के मुँह से बाहर आगया है और पुतले का मुँह एक दम खुल गया। पुतला बराबर हिल रहा है जैसे कुछ कहना चाहता हो। चन्द्रगुप्त के पूछ्ने पर कि ये सब क्या है और इन पुतलों का मूल्य अलग अलग क्यों है, चाणक्य ने उत्तर दिया। short stories for kids pdf

राजन, चरित्रवान सदा सुनी सुनाई बातों को अपने तक ही रखते हैं और उनकी पुष्टी करने के बाद ही अपना मुँह खोलते हैं। यही उनकी महानता है। पहले पुतले से हमें यही ज्ञान मिलता है और यही कारण है कि इस पुतले का मूल्य एक लाख मोहरें है। short stories for kids in hindi

कुछ लोग सदा अपने में ही मग्न रहते हैं। हर बात को अनसुना कर देते हैं। उन्हें अपनी वाह-वाह की कोई इच्छा नहीं होती। ऐसे लोग कभी किसी को हानि नहीं पहुँचाते। दूसरे पुतले से हमें यही ज्ञान मिलता है और यही कारण है कि इस पुतले का मूल्य एक हज़ार मोहरें है।

कुछ लोग कान के कच्चे और पेट के हलके होते हैं। कोई भी बात सुनी नहीं कि सारी दुनिया में शोर मचा दिया। इन्हें झूठ सच का कोई ज्ञान नहीं, बस मुँह खोलने से मतलब है। यही कारण है कि इस पुतले का मूल्य केवल एक मोहर है। short stories for kids in hindi

22) आलसियों का आश्रम :-

एक बार एक राज्य में बहुत सारे लोग आलसी हो गए। उन्होंने सारा कामधाम करना छोड़ दिया। यहाँ तक कि अपने लिए खाना बनाना भी छोड़ दिया और खाने के लिए दूसरों पर निर्भर रहने लगे। ज्यादातर समय वे लेटे रहते या सोते रहते। short stories for kids pdf

खाने की समस्या का निराकरण जरूरी था क्योंकि इन आलसियों को खिलाने में लोग आनाकानी करने लगे। एक दिन सभी आलसियों ने राजा से मांग की की सभी आलसियों के लिए एक आश्रम बनवाना चाहिए और उनके खाने की व्यवस्था करनी चाहिए। short stories for kids in hindi

राजा नेक और दयालु होने के साथ साथ बुद्धिमान था। उसने कुछ सोचकर मंत्री को एक आश्रम बनाने का आदेश दिया। आश्रम के तैयार होने पर सभी आलसी वहाँ जाकर खाने और सोने लगे।

एक दिन राजा अपने मंत्री और कुछ सिपाहियों के साथ वहाँ आया और उसने एक सिपाही से कहकर आश्रम में आग लगवा दी। आश्रम को जलता देख आलसियों में भगदड़ मच गई और सभी जान बचाने के लिए आश्रम से दूर भाग गए। short stories for kids in hindi

जलते हुए आश्रम में दो आलसी अभी भी सोये हुए थे। एक को पीठ पर गर्मी महसूस हुई तो उसने पास ही में लेटे दूसरे आलसी से कहा, “मुझे पीठ पर गर्मी लग रही है, ज़रा देखो तो क्या माजरा है ?”

“तुम दूसरी करवट लेट जाओ”, दूसरे आलसी ने बिना आखें खोले ही उत्तर दिया।

यह देखकर राजा ने अपने मंत्री से कहा, “केवल ये दोनों ही सच्चे आलसी हैं। इन्हें भरपूर सोने और खाने को दिया जाए। शेष सारे कामचोर हैं। उन्हें डंडे मार मार कर काम पर लगाया जाए।”

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23) देवदार और उमा :-

चमोली में एक छोटा सा गाँव है- ‘देवरण डोरा’। कई साल पहले इसी गाँव में भवानीदत्त नामक एक पुरोहित रहते थे। वे गाँव के शिव मंदिर के पुजारी थे। उनकी एक बेटी थी- उमा। वह अपने पिता के समान ही धार्मिक स्वभाव वाली थी। short stories for kids pdf

वह रोज अपने पिता के साथ मंदिर जाती। मंदिर की साफ-सफाई के बाद वह शिव की पूजा करती। प्रतिदिन शिवलिंग पर गंगाजल चढ़ाती थी। शिवलिंग पर मंदार के फूल भी चढ़ाती। इन फूलों को लाने वह नित्य जंगल जाती थी। short stories for kids in hindi

मंदार के फूल तोड़ने वह जब अपने पंजों के बल उचकती तो पेड़ की डालियाँ अपने आप झुक जाती थीं। उमा को जंगल बहुत भाता था। सघन देवदारों के पेड़ों की छाँव में बैठना उसे बहुत अच्छा लगता था। जंगल में चीड़ के पेड़ों से बहुत लगाव था। उमा ने अपने घर के आँगन में भी देवदार का पेड़ लगाया था। वह उसमें नियम से प्रतिदिन पानी डालती। पौधे को बढ़ते देख उसे खुब खुशी होती।

‌नित्य की भाँति एक दिन उमा अपने पिता के साथ मंदिर जा रही थी। तभी सामने से जंगली हाथियों का झुण्ड आता दिखाई दिया। उमा डरकर उपने पिता से चिपट गयी। पिता ने प्यार से उसे समझाया, “बेटा डरो नहीं, ये हाथियों का झुँड जंगल में घूमने आया है। लगता है, इन हाथियों को भी हमारी तरह जंगल के देवदार पसंद हैं। थोड़ी देर में ये चले जाएंगे।” short stories for kids in hindi

मंदिर में पूजा करने के बाद उमा रोज की तरह जंगल की ओर चली गयी। लेकिन काफी देर तक वह नहीं लौटी तो भवानीदत्त को चिंता होने लगी। बेटी की तलाश में वे भी जंगल गए।

थोड़ी दूर जाने के बाद उन्होंने देखा कि उमा देवदार के एक पेड़ के नीचे खड़ी होकर रो रही है। बेटी को रोती देख भवानीदत्त जी ने घबराकर पूछा, “उमा बिटिया, क्या हुआ?” उमा देवदार का तना दिखाते हुए बोली, “बाबू एक जंगली हाथी ने अपनी पीठ खुजलाते हुए इस पेड़ की छाल उतार दी है।

इसे कितना दर्द हो रहा होगा।” देवदार के प्रति बेटी का स्नेह देखकर भवानीदत्त का हृदय भी करुणा से भर उठा। वे सोचने लगे कि मेरी नन्हीं-सी बेटी का हृदय कितना विशाल है जो पेड़ों के प्रति भी इतना ममतामय है। short stories for kids pdf

कहा जाता है कि नन्हीं उमा ही अगले जन्म में हिमालय की पुत्री उमा बनीं। शिव जी का जब उमा से विवाह हुआ तो उन्होंने उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर हिमालय में उगने वाले इन देवदार वृक्षों को अपने दत्तक पुत्र के रूप में स्वीकार किया। short stories for kids in hindi

कहते हैं कि शिव-पार्वती इन देवदार वृक्षों से पुत्रवत् स्नेह करते थे। उनकी ममतामयी दृष्टि आज भी देवदार वृक्षों पर बनी हुई है। हिमालय के जंगलों में वनदेवी स्वयं सिरीसृप (रेंगनेवाले जीव-जंतुओं) और वनाग्नि (पेड़ों की रगड़ से जगंल में लगने वाली आग) से देवदार वृक्षों की रक्षा करती हैं।

ऊँची हिमाला की शाना यो,
यो देवदारा झुमर्याली देवदारा।

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24) सच्चा मन :-

एक बाल ग्वाल रोजाना अपनी गायों को जंगल में नदी किनारे चराने के लिए ले जाता था ।

जंगल में वह नित्य – प्रतिदिन एक संत के यौगिक क्रियाकलाप देखता था । संत आंखें और नाक बंद कर कुछ यौगिक क्रियाएं करते थे । ग्वाला संत के क्रियाकलाप बड़े गौर से देखता था । एक दिन उससे रहा नहीं गया । उत्सुकतावश उसने संत से यौगिक क्रियाओं के बारे में पूछ लिया । short stories for kids pdf

बाल ग्वाल के सवाल पर संत ने जवाब दिया कि वह इस तरह से भगवान से साक्षात्कार करते हैं । संत के प्रस्थान करने के बाद ग्वाला भी यौगिक क्रियाओं को दोहराने लगा और इस बात का संकल्प ले लिया कि आज वह भगवान के दर्शन साक्षात करके ही रहेगा । short stories for kids in hindi

ग्वाले ने अपनी दोनों आंखें बंद कर लीं और नाक को जोर से दबा लिया । श्वास प्रवाह बंद होने से उसके प्राण निकलने की नौबत आ गई उधर कैलाश पर्वत पर महादेव का आसन डोलने लगा ।

शिव ने देखा कि एक बाल ग्वाल उनसे साक्षात्कार करने के लिए कठोर तप कर रहा है । उसके हठ को देखकर शिव प्रगट हुए और बोले, ‘वत्स मैं तुम्हारी तपस्या से प्रसन्न हूं और तुमको दर्शन देने आया हूं ।’

ग्वाले ने बंद आंखों से इशारा कर पूछा, ‘आप कौन हो ?’ भोलेनाथ ने कहा ‘मैं वही भगवान हूं, जिसके लिए तुम इतना कठोर तप कर रहे हो ।’ short stories for kids in hindi

ग्वाले ने आंखें खोलीं और सबसे पहले एक रस्सी लेकर आया । चूंकि उसने कभी भगवान को देखा नहीं था, इसलिए उसके सामने पहचान का संकट खड़ा हो गया । उसने भगवान को पेड़ के साथ रस्सी से बांध दिया और साधु को बुलाने के लिए भागकर गया । short stories for kids pdf

संत तुरंत उसकी बातों पर यकीन करते हुए दौड़े हुए आये लेकिन संत को कहीं पर भी भगवान नजर नहीं आए संत ने बाल ग्वाल से कहा – ‘मुझे तो कहीं नहीं दिख रहे ।’

तब ग्वाले ने भगवान से पूछा प्रभु, “आप यदि सही में भगवान हो तो साधु महाराज को दिख क्यों नहीं रहे हो ।” तब भगवान ने कहा -‘जो भक्त छल कपट रहित, सच्चे मन से मुझे याद करता है, मैं उसको दर्शन देने के लिए दौड़ा चला आता हूं । short stories for kids pdf

तुमने निश्छल मन से मेरी आराधना की, अपने प्राण दांव पर लगाए और मेरे दर्शन का दृढ़ संकल्प लिया इसलिए मुझे कैलाश से मृत्युलोक में तुमको दर्शन देने के लिए आना ही पड़ा । जबकि साधु के आचरण में इन सभी बातों का अभी अभाव है । short stories for kids in hindi

वह रोजाना के क्रियाकलाप करते हैं लेकिन उनके मन में अभी भटकाव है । इसलिए मैं तुमको तो दिखाई दे रहा हूं, लेकिन संत को नहीं ।’ short stories for kids pdf

25) टिपटिपवा :-

एक थी बुढ़िया। उसका एक पोता था। पोता रोज़ रात में सोने से पहले दादी से कहानी सुनता। दादी रोज़ उसे तरह-तरह की कहानियाँ सुनाती।

एक दिन मूसलाधार बारिश हुई। ऐसी बारिश पहले कभी नहीं हुई थी। सारा गाँव बारिश से परेशान था। बुढ़िया की झोंपड़ी में पानी जगह-जगह से टपक रहा था—- टिपटिप टिपटिप । इस बात से बेखबर पोता दादी की गोद में लेटा कहानी सुनने के लिए मचल रहा था। बुढ़िया खीझकर बोली—“अरे बचवा, का कहानी सुनाएँ? ई टिपटिपवा से जान बचे तब न ! short stories for kids pdf in hindi

पोता उठकर बैठ गया। उसने पूछा- दादी, ये टिपटिपवा कौन है? टिपटिपवा क्या शेर-बाघ से भी बड़ा होता है? short stories for kids in hindi

दादी छत से टपकते पानी की तरफ़ देखकर बोली—हाँ बचवा, न शेरवा के डर, न बघवा के डर, डर त डर टिपटिपवा के डर। short moral stories for kids in hindi

संयोग से मुसीबत का मारा एक बाघ बारिश से बचने के लिए झोंपड़ी के पीछे बैठा था। बेचारा बाघ बारिश से घबराया हुआ था। बुढ़िया की बात सुनते ही वह और डर गया। short stories for kids pdf

अब यह टिपटिपवा कौन-सी बला है? ज़रूर यह कोई बड़ा जानवर है। तभी तो बुढ़िया शेर-बाघ से ज्यादा टिपटिपवा से डरती है। इससे पहले कि बाहर आकर वह मुझपर हमला करे, मुझे ही यहाँ से भाग जाना चाहिये।
बाघ ने ऐसा सोचा और झटपट वहाँ से दुम दबाकर भाग चला।

उसी गाँव में एक धोबी रहता था। वह भी बारिश से परेशान था। आज सुबह से उसका गधा गायब था। सारा दिन वह बारिश में भीगता रहा और जगह-जगह गधे को ढूंढता रहा, लेकिन वह कहीं नहीं मिला।
धोबी की पत्नी बोली – जाकर गाँव के पंडित जी से क्यों नहीं पूछते? वे बड़े ज्ञानी हैं। आगे-पीछे सबके हाल की उन्हें खबर रहती है। short stories for kids in hindi

पत्नी की बात धोबी को जँच गई। अपना मोटा लट्ठ उठाकर वह पंडित जी के घर की तरफ़ चल पड़ा। उसने देखा कि पंडित जी घर में जमा बारिश का पानी उलीच-उलीचकर फेंक रहे थे।
धोबी ने बेसब्री से पूछा – महाराज, मेरा गधा सुबह से नहीं मिल रहा है। जरा पोथी बाँचकर बताइये तो वह कहाँ है?

सुबह से पानी उलीचते-उलीचते पंडित जी थक गए थे। धोबी की बात सुनी तो झुंझला पड़े और बोले—मेरी पोथी में तेरे गधे का पता-ठिकाना लिखा है क्या, जो आ गया पूछने? अरे, जाकर ढूंढ उसे किसी गढ़ई-पोखर में। short stories for kids pdf

और पंडित जी लगे फिर पानी उलीचने। धोबी वहां से चल दिया। चलते-चलते वह एक तालाब के पास पहुँचा। तालाब के किनारे ऊँची-ऊँची घास उग रही थी। धोबी घास में गधे को ढूँढने लगा। किस्मत का मारा बेचारा बाघ टिपटिपवा के डर से वहीँ घास में छिपा बैठा था। short stories for kids in hindi

धोबी को लगा कि बाघ ही उसका गधा है। उसने आव देखा न ताव और लगा बाघ पर मोटा लट्ठ बरसाने। बेचारा बाघ इस अचानक हमले से एकदम घबरा गया। short stories for kids pdf

बाघ ने मन ही मन सोचा – लगता है यही टिपटिपवा है। आखिर इसने मुझे ढूंढ ही लिया। अब अपनी जान बचानी है तो जो यह कहता है, वही करना होगा।

आज तूने मुझे बहुत परेशान किया है । मार मारकर मैं तेरा कचूमर निकाल दूँगा। ऐसा कहकर धोबी ने बाघ का कान पकड़ा और उसे खींचता हुआ घर की तरफ़ चल दिया। बाघ बिना चूं चपड़ किये भीगी बिल्ली बना धोबी के साथ चल दिया। घर पहुँच कर धोबी ने बाघ को खूंटे से बांधा और सोने चला गया।
सुबह जब गाँव वालों ने धोबी के घर के बाहर खूंटे से बंधे बाघ को देखा हैरानी से उनकी आँखें खुली रह गईं। short stories for kids pdf

26) धान की कहानी :-

एक बार ब्राह्मण टोला के निवासियों को किसी दूर गांव से भोजन के लिए निमंत्रण आया। वहां के लोग बहुत प्रसन्न हुए और जल्दी-जल्दी दौड़-भागकर उस गांव में पहुंच गए। वहां सबने जमकर भोजन का आनन्द उठाया। खूब छककर खाया। short stories for kids in hindi

भोजन करने के बाद सब लोग अपने घर की ओर चल दिये। पैदल ही चले क्योंकि सवारी तो थी नहीं। रास्ते में चावल के खेत लहलहा रहे थे। यह देखकर उनमें से किसी से रहा नहीं गया।

सबने आव देखा ना ताव और टूट पडे चावल पर। हाथ से चावल के बाल अलग करते, और मुंह में डाल लेते। उसी रास्ते से शिव व पार्वती भी जा रहे थे। इस तरीके से उन लोगों को खाते देख पार्वती ने शिवजी से कहा- ‘देखिए, ये लोग भोज खाकर आ रहे हैं, फिर भी कच्चे चावल चबा रहे हैं।’ short stories for kids pdf

शिवजी ने पार्वती की बात अनसुनी कर दी । पार्वती ने सोचा, मैं ही कुछ करती हूं। सोच-विचार के बाद उन्होंने शाप दिया कि चावल के ऊपर छिलका हो जाए। तभी से खेतों में चावल नहीं धान उगने लगे।

27) सोने का भिक्षापात्र :-

अयोध्या में चूड़ामणि नाम का एक व्यक्ति रहता था। धन पाने की इच्छा से उसने बहुत दिनों तक भगवान की तपस्या की। उसकी तपस्या से प्रसन्न होकर एक रात धन देवता कुबेर ने उसे सपने में दर्शन दिए।

उन्होंने कहा- “सूर्योदय के समय तुम हाथ में लाठी लेकर घर के दरवाजे पर खड़े हो जाना। कुछ देर बाद तुम्हारे पास एक भिक्षुक आएगा। उसके हाथ में एक भिक्षापात्र होगा। जैसे ही तुम उस भिक्षा पात्र में अपनी लाठी अड़ाओगे वह सोने में परिवर्तित हो जाएगा। short stories for kids pdf in hindi

उसे तुम अपने पास रख लेना। ऐसा दस दिन करने से तुम्हारे पास दस सोने के पात्र हो जाएंगे। जिससे तुम्हारी जीवनभर की दरिद्रता दूर हो जाएगी।’ short stories for kids in hindi

रोज सुबह उठकर चूड़ामणि वैसा ही करने लगा, जैसा कुबेर ने सपने में बताया था। एक दिन उसे ऐसा करते हुए लालची पड़ोसी ने देख लिया। बस उसी दिन से चूड़ामणि का पड़ोसी नित्य प्रति किसी भिक्षुक की प्रतीक्षा में अपने घर के दरवाजे पर लाठी लिए खड़ा रहता।

बहुत दिन बाद अंतत: एक भिक्षुक उसके दरवाजे पर भिक्षा मांगने आया। पड़ोसी ने भिक्षापात्र पर डंडा छुआया पर वह सोने में नहीं बदला। अंत में उसे गुस्सा आया और उसने आव देखा न ताव भिक्षुक पर प्रहार करना शुरू कर दिया। short stories for kids in hindi

थोड़ी देर में भिक्षुक के प्राण-पखेरू उड़ गए। उसके इस कर्म की सूचना राजा तक पहुंची। राजकर्मचारी उसे गिरफ्तार कर राजा के सामने ले गए अभियोग सिद्ध किया गया।

लालच ने पड़ोसी को मौत के मुंह तक पहुंचा दिया।

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