30+ Best Short Motivational Story In Hindi || Motivational Short Story In Hindi

30+ Best Short Motivational Story In Hindi :-

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30+ Best Short Motivational Story In Hindi :-

तत्वों के उचित संयोजन से बनता है हमारा व्यक्तित्व :-

एक बार राजा मिलिंद भिक्षु के पास गए। भिक्षु का नाम नागसेन था।

राजा ने भिक्षु से पूछा-महाराज एक बात बताइए, आप कहते हैं कि हमारा व्यक्तित्व् स्थिर नहीं है। जीव स्वयंमेव कुछ नहीं है, तो फिर जो आपका नाम नागसेन है यह नागसेन कौन है? क्या सिर के बाल नागसेन हैं?

Short Motivational Story In Hindi
Short Motivational Story In Hindi

भिक्षु ने कहा- ऐसा नहीं है। राजा ने फिर पूछा – क्या ये दांत, मस्तिष्क, मांस आदि नागसेन हैं? भिक्षु ने कहा-नहीं। राजा ने फिर पूछा-फिर आप बताएं क्या आकार, संस्कार, समस्त वेदनाएं नागसेन हैं ?

भिक्षु ने कहा-नहीं।

राजा ने फिर प्रश्न किया- क्या ये सब वस्तुएं मिलकर नागसेन हैं? या इनके बाहर कोई ऐसी वस्त् है जो नागसेन है?

भिक्षु ने कहा नहीं।

अब राजा बोले- तो फिर नागसेन कुछ नहीं है। जिसे हम अपने सामने देखते हैं और नागसेन कहते हैं वह नागसेन कौन हैं ?

अब भिक्षु ने राजा से पूछा? राजन, क्या आप पैदल आए हैं?

राजा ने कहा- नहीं, रथ पर।

भिक्ष् ने पूछा-फिर तो आप जरूर जानते होंगे कि र्थ क्या है? क्या यह पताका रथ है?

राजा ने कहा- नहीं।

भिक्षु बोले- क्या ये पहिए या धुरी हैं?

राजा ने कहा- नहीं।

भिक्षु ने पूछा-क्या ये रस्सियां या चाबुक र्थ हैं?

राजा ने कहा नहीं।

भिक्षु ने पूछा-क्या इन सबके बाहर कोई अन्य चीज है, जिसे हम रथ कहते हैं?

राजा ने कहा-नहीं।

मिक्षु ने कहा-तो फिर, रथ कुछ नहीं है? जिसे हम सामने देखते हैं और र्थ कहते वह क्या है?

राजा ने कहा-इन सब चीजों के एक साथ होने पर ही इसे रथ कहा जाता है।

भिक्षु ने कहा-राजन, इसमें ही आपकी जिज्ञासा का हल छिपा है। जिस प्रकार इन वस्तुओं के उचित तालमेल से रथ का निर्माण हुआ है, ठीक उसी प्रकार अग्नि, पृथ्वी, आकाश, जल और वायु इन पाँच तत्वों के समुचित संयोजन से बना शरीर ही नागसेन है। इसके इतिरिक्त कुछ नहीं।

Short Motivational Story In Hindi

सीख –

यह कहानी हमे सिखाती है की किसी वस्तु को सही अकार इसके घटकों के उचित संयोजन से ही मिलता है। इसके बाद ही कोई तत्व अपनी संपूर्णता तक पहुँचता है।

गुरू-भक्ति से मन की सौन्दर्य :-

नरेन डे (स्वामी विवेकानंद) अपने छात्र-जीवन में आर्थिक विषमता से जूझ रहे थे। एक दिन उन्होंने अपने गुरू परमहंस रामकृष्ण से कहा- यदि आप काली माँ से प्रार्थना करेंगे, तो वह मेरे वर्तमान आर्थिक संकट दूर कर देंगी।’

रामकृष्णजी बोले- ‘नरेन, संकट तुम्हारे हैं, इसलिए तुम स्वयं मंदिर में जाकर काली मां से मांगो, वह अवश्य सुनेगी। यह कहकर उसे मंदिर में भेज दिया। वहां उसने और कुछ न कहकर ‘माँ मुझे भक्ति दो कहा और फिर गुरू जी के निकट लौट आया। Short Motivational Story In Hindi

उन्होंने पूछा- क्या मांगा?’ ‘माँ मुझे भक्ति दो नरेन ने कहा। ‘अरे, इससे तेरे संकट दूर नहीं होंगे, तू फिर से अंदर जा और मां से स्पष्ट मांग’।

Short Motivational Story In Hindi
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वह गया और उसने पूर्ववत् जैसा किया। जब तीसरी बार जाने पर भी उसने काली मॉँ से केवल यही कहा ‘माँ मुझे भक्ति दो।’ best motivational story in hindi

तब परमहंस जी हंसे और कहने लगे- ‘नरेन! मुझे मालूम था, तू भौतिक सुख नहीं मांगेगा, क्योंकि आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करने की पूर्ण जिज्ञासा तेरे हदय में उत्पन्न हो चुकी है और इसीलिए मैंने तुम्हें तीनों बार भक्ति मांगने के लिए ही अंदर भेजा था। तेरे वर्तमान आर्थिक संकट का सामाधान तो मैं स्वयं ही कर सकता था। very short motivational story in hindi

तात्पर्य : एक विशुद्ध गुरू अथवा भक्त के सान्निध्य में रहने से मन का शुद्धिकरण करना सरल व सहज हो
जाता है। हेनरी फोर्ड के प्रपौत्र एल्फ्रेड फोर्ड (हेनरी फोर्ड-3) ने ‘इस्कॉन’ के संस्थापक क्षीत स्वामी
प्रभुपाद की शिष्यता ग्रहण कर और उनके साथ भारत में कुछ महीने रहकर अपने मन की शुदधी की थी, अर्थात् अध्यात्म का बीजारोपण किया था। बाद में स्वामीजी ने अपने शिष्य अम्बरी दास (हेनरी फोर्ड-3) को वापिस अमरीका भेज दिया था। Short Motivational Story In Hindi

यह एक उत्तम उपाय बताया गया है, क्योंकि एक सच्चे गुरू के निकट उसके शिष्य का अन्तर्मन सदा बना रहता है और वे उसकी आत्म-उन्नति का मार्ग-दर्शन स्वयं करते रहते हैं। आवश्यकता इस बात की कि हम मन की शुद्धि के लिए पहले जिज्ञासु बने और फिर संत की पहचान के विवेकी बने ।

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जीवन से मत भागो, जिओ उद्देश्य के लिए :-

घटना उन दिनों की है जब इंगलैंड में डॉक्टर एनी बेसेंट अपने वर्तमान जीवन के प्रति निराश थीं और एक
सार्थक जीवन जीने की ललक उनके हदय में तीव्रता से उठी थी। एक दिन अंधेरी रात्रि सभी परिवारजन गहारी नींद में सोए हुए थे। very short motivational story in hindi

केवल वही जाग रही थीं और आत्मा की शांति के लिए इतनी बचैन हो उठी कि इस जीवन से भाग जाने का ख्याल मन में लाकर सामने रखी जहर की शीशी लेने के लिए चुपके- से उठीं, लेकिन तभी किसी दिव्य-शक्ति की आवाज ने उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया – ‘क्यों, जीवन से डर गई? सत्य की खोज कर।’

ये सुनकर वह चौंक गई, अरे यह आवाज किसकी है? कौन मुझे भागने से रोक रहा है?’ उन्होंने उसी समय निश्वय कर लिया – ‘सार्थक जीवन (Meaningful life) के लिए मुझे संघर्ष करना ही होगा। सत्य की खोज के लिए वे अपना परिवार, सुख-सम्पत्ति आदि सब कुछ छोड़कर भारत आ गई।

उन्होंने साध्वी जैसा जीवन यहां ग्रहण किया और विश्व को भारतीय जीवन-दर्शन के रंग में रंग देना ही अपना मुख्य उद्देश्य बना लिया। उनकी मृत्यु भारत में हुई थी। Short Motivational Story In Hindi

सीख –

यह कहानी हमे सिखाती है की अंधकार से प्रकाश की ओर जाने के लिए भी मनुष्य को संधर्ष करना पड़ता है, जिसके दौरान वह अपनी शुद्ध चेतना से समर्पण-भाव को जाग्रत कर जीवन-लक्ष्य की प्राप्ती कर लेता है। ऐसे संघर्षवान व्यक्ति की ईश्वर भी सहायता करता है, बशतें वह सच्ची लगन व उत्साह के साथ सार्थक जीवन के प्रति संकल्पकृत है और उसकी ऑँखें निर्धारित लक्ष्य पर केन्द्रित हैं।

जीवन सहज नहीं, एक संघर्ष है। कठिनाइयाँ एवं बाधाएं जीवन के अंग हैं। इनसे भयभीत होकर कर्तव्य-पथ से पलायन कर देने का अर्थ होगा- अपने जीवन-मूल्य को नष्ट कर देना। सत्य तो यह है कि कठिनाइयों और दुःखों पर विजय प्राप्त करके ही मानव ने इस भौतिक संसार का इतना ऊँचा विकास किया है। जब कड़वी दवाई के सेवन से रोग का निदान शीर्घ होता है, तब हम अपने जीवन-लक्ष्य की सिद्धी में संघर्ष करने से क्यों कतराएं? 

“Obstacles are those frightful thing you see when you take your eyes off your goal. ” त्रेता युग में श्री रामजी को चौदह वर्ष का वनवास मिला था और फिर लंका पर विजय प्राप्त करने के पश्चात्लौ टने पर रातगद्दी मिलते ही उन्हें सीताजी के निष्कासन पर ‘एकला जीवन लेना पड़ा था।

द्वापर युग में क्षीकृष्ण के होते हुए भी धर्मराज युधिष्ठर सहित पाँचों पांडव- भाइयो को बारह वर्ष का वनवास और साथ में एक वर्ष का अज्ञातवास झेलना पड़ा था। स्पष्ट है, यह जीवन-संघर्ष आदिकाल से चला आ रहा है। अतः सुंदर जीवन बनाने के लिए हमें संघर्ष के बीच तो रहना ही होगा, बाधाओं को पार करते हुए आगे बढ़ना होगा और तभी हम अपने जीवन-उददेश्य की पूर्ति कर पाएंगे।

हेनरी फोर्ड

सत्याचरण का प्रभाव :-

बात उन दिनों की है जब एक दिन पाटली-पत्र नगर में सम्राट अशोक गंगा नदी के किनारे टहल रहे थे।
उनके साथ उनके मंत्रीगण, दरबारी व सैंकड़ों लोग भी थे। best motivational story in hindi

नदी अपने पूरे चढ़ाव पर थी। पानी के प्रबल वेग को देखते हुए सम्राट ने पूछा- ‘क्या कोई ऐसा व्यक्ति है जो इस प्रबल गंगा का बहाव उल्टा कर सके?’ यह सुनकर सब मौन हो गए। उस जनसमूह से कुछ दूरी पर बिंदुमति नामक बूढ़ी वेश्या खड़ी थी। Short Motivational Story In Hindi

Short Motivational Story In Hindi
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वह सम्राट् के पास आकर बोली- महाराज, मैं अपके सत्य- कर्म की गुहार लगाकर यह कर सकती हूँ । सम्राट् ने उसे आज्ञा दे दी। उस वेश्या की गुहार से प्रबल गंगा ऊपर की ओर उल्टी दिशा में गर्जन करते हुए बहने लगी।

सम्राट् अशोक भौँचक्के रह गए उन्होंने वेश्या से पूछा कि उसने यह अदभुत कार्य कैसे किया। वेश्या बोली महाराज, सच्चाई की शक्तित से मैंने गंगा को उल्टी तरफ बहा दिया।’ अविश्वास के साथ राजा ने पूछा, तुम एक साधारण सी वेश्या… तुम तो स्वाभाविक पापी हो। Short Motivational Story In Hindi

बिंदूमति ने जवाब दिया- ‘दुराचारी, चरित्रहीन स्त्री होकर भी मेरे पास ‘सत्य कर्म’ की शक्ति है। महाराज, जो भी मुझे रूपये देता- चाहे ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य या शुद्ध रहा हो या किसी अन्य जाति का रहा हो, मैं उन सबके साथ एक जैसा व्यवहार करती थी। very short motivational story in hindi

जो मुझे रूपये देते थे, उन सबकी एक समान सेवा करती थी। महाराज. यही सत्य कर्म है जिसके दवारा मैंने प्रबल गंगा को उल्टी दिशा में बहा दिया।

सीख –

यह कहानी हमे सिखाती है की धर्म के प्रति सचाई मनुष्य को महान् शक्ति प्रदान करती है। यदि हम जीवनभर अपने कर्तव्य को पूर्ण निष्ठा से निभाएं, तो इस तथ्य को साक्षी रखकर चमत्कार का सकते हैं, जैसा कि बिंदुमति वेश्या ने कर दिखाया।

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क्रोध द्वारा मनुष्य स्वयं की क्षति करता है :-

सार्वभौम चक्रवर्ती सम्राट् होते हुए भी महाराजा अंबरीष भौतिक सुखों से परे थे और सतोगुण के प्रतीक माने जाते थे। एक दिन वे एकादशी व्रत का पारण करने को थे कि महर्षि दुर्वास अपने शिष्यों के सहित वहां पहुँच गए।

अंबरीष ने उनसे शिष्यों सहित भोजन ग्रहण करने का निमंत्रण दिया, जिसे दर्वासा ने स्वीकार कर कहा, ‘ठीक है राजन्, हमस सभी यमुना-स्नान करने जाते हैं और उसके बाद प्रसाद ग्रहण करेंगे।

महर्षि को लौटने में विलंब हो गया और अंबरीष के व्रत-पारण की धड़ी आ पहुँची। राजगुरू ने उन्हें परामर्श दिया कि ‘आप तुलसी -दल के साथ जल पीकर पारण कर लें । इससे पारण-विधि भी हो जाएगी और दुर्वासा को भोजन कराने से पूर्व ही पारण कर के पाप से भी बच जाएंगे।’

अंबरीष ने जल ग्रहण कर लिया। दुर्वासा मुनि लौटे तो उन्होंने योगबल से राजन का पारण जान लिया और इसे अपना अपमान समझकर महर्षि नेक्रोधित होकर अपनी एक जटा नौँची और अंबरीष पर फेंक दी। वह कृत्या नामक राक्षसी बनकर राजन् पर दौड़ी। Short Motivational Story In Hindi

भगवान विष्णु का सुदर्शन-च्रक, जो राजा अंबरीय की सुरक्षा के लिए वहां तैनात रहता था, दुर्वासा को
मारने उनके पीछे दौड़ा। दुर्वासा ने इन्द्र, ब्रह्मा और शिव की स्तृति कर उनकी शरण लेनी चाही, लेकिन सभी ने अपनी असमर्थता जतायी। लाचार होकर वे शेषशायी विष्णु की शरण गए, जिनका सुदर्शन- चक्र अभी भी मुनि का पीछा कर रहा था। best motivational story in hindi

भगवान विष्णु ने भी यह कहकर विवशता जताई कि मैं तो स्वयं भक्तों के वश में हूं। तुम्हें भक्त अंबरीष की ही शरण में जाना चाहिए, जिसे निदष होते हुए भी तुमने क्रोधवश प्रताड़ित किया है। हारकर क्रोधी दुर्वासा को राजा अंबरीष की शरण में जाना पड़ा। राजा ने उनका चरण-स्पर्श किया और सुदर्शन-च्रक लौट गया। very short motivational story in hindi

तात्पर्य यह है कि क्रोध ऐसा तमोगुण है जिसका धारणकर्ता दूसरों के सम्मान का अधिकारी नहीं रह जाता, यहां तक कि भगवान् भी उसे अपनी शरण नहीं देते। Short Motivational Story In Hindi

गीता भी कहती हैं- क्रोध से मोह उत्पन्न होता है और मोह से स्मरणशक्ति का विभ्रम हो जाता है। जब स्मरणशक्त भ्रमित हो जाती है, तो बुदधि का नाश होने पर मनुष्य अपनी स्थिति से गिर जाता है।

‘उत्साह’ हमें जिंदादिल बनाए रखता है:-

अमरीका में जीवन बीमा के विक्रय क्षेत्र में सार्वाधिक ख्याति प्राप्त फ्रैंक बैजर अपने व्यवसाय के आरंभिक काल में असफल हो चुके थे और उन्होंने अपने बीमा कंपनी के पद से पद से इस्तीफा देने का निर्णय तले लिया था। motivational short story in hindi

एक दिन वे इस्तीफा लेकर कार्यालय पहंच गए। उस समय प्रबंधक महोदय अपने विक्रेताओं की बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैजर प्रबंधक-कक्ष के बाहर प्रतीक्षा करने लगे। अंदर से अआवाज आई- मैं जानता हैँ कि आप सभी योग्य विक्रेता हैं, किंतु आप यह विशेष ध्यान रखें कि योग्यता से भी अधिक महत्वपूर्ण है उत्साह, आपका जोश, जीवन की ऊर्जा, जो मंजिल की दिशा में आपकी सहायता करती है।

आपका उत्साह, अआपकी उमंग ही आपको सफलता के शिखर पर पहुंचा सकता है। इन शब्दों को सुनकर बैजर ने अपना निर्णय बदल दिया और जेब में रखे इस्तीफे को उसी समय फाड़ दिया। वे फौरन अपने घर चले गए। दूसरे दिन से फ्रैंक बैजर ने अपने काम को बड़े उत्साह के साथ करना शुरू किया। उनके उत्साह से ग्राहक इतने प्रभावित हुए कि कुछ वर्षों में वे अमरीका के नंबर वन सेल्समैन बन गए।

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सीख –

यह कहानी हमे सिखाती है की उत्साही जीवन के संघर्ष में धन की आवश्यकता नहीं होती, बल्कि धन के बार-बार नष्ट हो जाने पर भी व्यक्ति उसे पैदा कर लेता है। उत्साह वह अग्नि है जो हमारे शरीर रूपी इंजन के लिए भाप तैयार करती है।

अपने स्वाभिमान को सदैव ऊँचा रखें :-

आपने भी देखा होगा, बड़े शहरों में सार्वजनिक स्थलों पर कुछ भिखारी अपने कटोरे में साधारण बॉल पैन,
रिफिल, पेंसिल, पॉकेट साइज कंघा या अन्य कोई छोटी-मोटी चीजें रखकर बैटते हैं।

एक सज्जन ऐ भिखारी के कटोरा में ऐ दो रूपए का सिक्का डालकर वहीं खड़े-खड़े उसके बारे में सोचने लगे और कुछ क्षण बाद वह आगे चलने को मुड़े ही कवह भिखारी बोला, ‘बाबु साब! टापने दो रूपये का सिक्का तो कटोरा में डाला दिया, पर उसमें रखी पैंसिल या रिफिल आपने नहीं ली। आपको जो पसंद हो, उठा लीजिए साब!’ Short Motivational Story In Hindi

Short Motivational Story In Hindi
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सज्जन बोले- भई, मैंने तो भिखारी समझकर मुम्हें सिक्का दिया है।’ ‘नहीं, बाबू साब!’ उसके बदले कुछ तो ले लीजिए, भले ही पचास पैसे हो। अब वह सज्जन असमंजस में पड़ गए कि वह भिखारी है या दुकानदार! और उसकी ओर मुस्कुराते हुए देखने लगे।

भिखारी बोला – साहब, हालात ने मुझे भिखारी जरूर बना दिया है, लेकिन मेरा थोड़ा-सा आत्म -सम्मान अब भी बचा है। अगर आप सिक्के के बदले कुछ भी ले लैंगे तो मुझे कम -से -कम इतना संतोष रहेगा कि भिखारी होने के बावजूद मैंने अपना स्वाभ्मान नहीं खोया है।

यह सुनकर उस सज्जन की आँखें भर आई। उन्होंने अपने पर्स से सौ रूपए के दो नोट निकालकर उस भिखारी के हाथ में दिए और कटोरे में रखा सारा सामान (जो पचास रूपए से ज्यादा मूल्य का नहीं था) लेकर उससे पूछा – ‘भईया दो सौ रूपए कम तो नहीं है?’ Short Motivational Story In Hindi

वह भिखारी कुतज्ञ होकर रूंधे कंठ से बोला -साहब, मैं आपका शुक्रिया किन शब्दों से अदा करू? आपने तो दरिद्रनारायण के रूप में आकर मेरे स्वाभिमान को फिर से ऊँचा कर दिया है। यह तो मेरा जीवन बदल देगा। मैं आज ही इन रूप्यों से सुबह और शाम का अखबार बेचना शुरू कर दूँगा और फिर भिखारी बनकर कभी नहीं जिऊंगा।

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सीख –

यह कहानी हमे सिखाती है की प्रत्येक मनुष्य में आत्म -सम्मान की भावना होती है-किसी में कम तो किसी में ज्यादा। एक संत ने मुझे बताया-‘यह जीवन बार -बार नहीं मिलता है। अब समय है मन्ष्य उस चीज को पकड़े जो उसके भीतर है और फिर उसे समझने की कोशिश करे।

अपने हृदय की प्यास बुझाए ताकि जीवन में शांति आ सके। इसका सार यह है की आनंद से जिएं कि हम पहले खुद को जानें, अपनी पहचान कें और फिर खुद को सही रास्ते पर लाकर सर्वोत्तम बनने की इच्छा-शक्ति को विकसित करें ।

एक राजकुमार की काहानी :-

एक राजकुमार अपने सुंदर बगीचे में टहल रहे थे कि अचानक उनके मन में रख्याल आया, ‘बगीचे से उन्हें क्या फायदा है? राजकुमार ने आम के पेड़ से पूछा -बताओ, तुम मेरे लिए क्या कर रहे हो? पेड़ ने जवाब दिया गर्मी में मेरी शाखायें मीठे आमों से लद जाती हैं, माली उन्हें इक्ट्ठा करके आपको व आपके मेहमानों के सामने प्रस्तुत करता है । Short Motivational Story In Hindi

‘शाबाश’, राजकुमार बोले।

फिर राजकुमार ने विशाल वट वृक्ष से यही प्रश्न किया। उस ने उत्तर दिया – सुबह-सुबह जो पक्षी मधुर गीत
गाकर आपको उठाते हैं, वह चहचहाते पक्षी मेरी शाखाओं पर आराम करते हैं। मेरी फैली शाखाओं के नीचे ही आपकी भेड़ें व गाय- भैंसें आराम करती है।’

‘शाबाश -राजकुमार ने कहा।
अब राजकुमार ने घास से पूछा – तुम मेरे लिए क्या कर रही हो? घास ने उत्तर दिया – ‘आपकी भेड़ें व गाय
को पुष्ट बनाने के लिए हम अपना बलिदान देते हैं।’

राजकुमार प्रश्न्न होकर बोले, ‘बहुत अच्छा। इसके बाद राजकुमार ने एक नन्हें डेजी फूल से पूछा – नन्हें मियां, तुम मेरे लिए क्या कर रहे हो?’ डेजी ने कहा- कुछ नहीं। मैं आपको मीठे फल नहीं देता, आपके पक्षियों को घोंसला बनाने लायक स्थान नहीं दे सकता। very short motivational story in hindi

यदि मैं कुछ कर सकता हूँ तो वह यह है कि जितना हो सके, मैं एक सर्वोत्तम नन्हा डेजी बनूं।’ ये शब्द राजकुमार के दिल को छू गये। Short Motivational Story In Hindi

घुटनों के बल झुककर उन्होंने नन्हें डेजी को चूम लिया और कहा – शाबाश! नन्हें फूल। तुम-जैसा और कोई नहीं है। मैं तुम्हें हमेशा अपने परिधान के बटन-होल में लगाऊंगा, ताकि मुझे यह महान्स च्चाई हमेशा याद रहे कि मैं जहां तक हो सके अपने अंदर सर्वोत्तम बनने की इच्छा-शक्ति को विकसित करूँ। यह मेरे जीवन की बड़ी उपलब्धि होगी।

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सीख –

यह कहानी हमे सिखाती है की ऊँची उपलब्धि हासिल करने के लिए हमें अपनी इच्छा-शक्ति को विकसित करने की प्रेरणा किसी से मिल सकती है।

बशते हम हर समय अपनी जागरूकता बनाए रखें। यह तभी संभव है जब हमारा नजरिया सकारात्मक है। इस प्रसंग में राजकुमार ने प्रकृति के सौंदर्य से विमुग्ध होकर स्वयं सर्वोत्तम बनने की इच्छा-शक्ति को अपने अंदर विकसित किया।

ज्ञान हमेशा झुककर हासिल किया जा सकता है :-

एक शिष्य गुरू के पास आया। शिष्य पंडित था और मशहर भी, गुरू से भी ज्यादा। सारे शास्त्र उसे कंठर्थ थे। समस्या यह थी कि सभी शास्त्र कंठस्थ होने के बाद भी वह सत्य की खोज नहीं कर सका था। ऐसे में जीवन के अंतिम क्षणों में उसने गुरू की तलाश शुरू की। संयोग से गुरू मिल गए। वह उनकी शरण में पहुँचा। Short Motivational Story In Hindi

गुरू ने पंडित की तरफ देखा और कहा, ‘तुम लिख लाओ कि तुम क्या-क्या जानते हो। तुम जो जानते हो,
फिर उसकी क्या बात करनी है। तुम जो नहीं जानते हो, वह तुम्हें बता दूंगा। शिष्य को वापस आने में सालभर लग गया, क्योंकि उसे तो बहुत शास्त्र याद थे। very short motivational story in hindi

वह सब लिखता ही रहा, लिखता ही रहा। कई हजार पृष्ठ भर गए। पोथी लेकर आया। गुरू ने फिर कहा, ‘यह बहुत ज्यादा है। मैं बूढ़ा हो गया। मेरी मृत्यु करीब है। इतना न पढ़ सकूंगा। तुम इसे संक्षिप्त कर लाओ, सार लिख लाओ। best motivational story in hindi

पंडित फिर चला गया। तीन महीने लग गए। अब केवल सौ पृष्ठ थे। गुरू ने कहा, मैं ‘यह भी ज्यादा है। इसे
और संक्षिप्त कर लाओ। कुछ समय बाद शिष्य लौटा। एक ही पन्ने पर सार-सूत्र लिख लाया था, लेकिन गुरू बिल्कूल मरने के करीब थे। कहा, ‘तुम्हारे लिए ही रूका हूँ। तुम्हें समझ कब आएगी? और संक्षिप्त कर लाओ। Short Motivational Story In Hindi

शिष्य को होश आया। भागा दूसरे कमरे से एक खाली कागज ले आया। गुरू के हाथ में खाली कागज दिया। गुरू ने कहा, ‘अब तुम शिष्य हुए। मुझसे तुम्हारा संबंध बना रहेगा। कोरा कागज लाने का अर्थ हुआ, मुझे कुछ पता नहीं, मैं अज्ञानी हूँ। जो ऐसे भाव रख सके गुरू के पास, वही शिष्य है।

सीख –

यह कहानी हमे सिखाती है की गुरू तो ज्ञान-प्राप्ति का प्रमुख स्त्रोत है, उसे अज्ञानी बनकर ही हासिल किया जा सकता है। पंडित बनने से नहीं मिलते।

संतुलित जीवन से ही चित्त को शांति :-

अमेरिका के उघोगपपि एंड्रयू कार्नेगी अरबपति थे। ज बवह मरने को थे तो उन्होंने अपने सेक्रेटरी से पूछा
देख, तेरा-मेरा जिंदगीभर का साथ है। एक बात मैं बहुत दिनों से पूछना चाहता था। ईश्वर को साक्षी मानकर सच बताओ कि अगर अंत समय परमात्मा तुझसे पूछे कि तू कार्नेगी बनना चाहेगा या सेक्रेटरी, तो तू क्या जवाब देगा?’ Short Motivational Story In Hindi

सेक्रेटरी ने बेबाक उत्तर दिया- ‘सर! मैं तो सेक्रेटरी ही बनना चाहूँगा। अरबपति कार्नेगी बोले- ‘क्यों?’ इस पर सेक्रेटरी ने कहा ‘मैं आपको चालीस साल से देख रहा हूँ। आप दफ्तर में चपरासियों से भी पहले आ धमकते हैं और सबके बाद जाते हैं। आपने जितना धन आदि इकटठा कर लिया उससे अधिक के लिए निरंतर चितित रहते हैं। motivational short story in hindi

आप ठीक से खा नहीं सकते, रात को सो नहीं सकते। मैं तो स्वयं आपसे पूछने वाला था कि आप दौड़े बहुत, लेकिन पहुँचे कहां? यह क्या कोई सार्थक जिंदगी है? आपकी लालसा, चिंता और संताप देखकर ही मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि हे भगवान! त्री बड़ी कृपा, जो तूने मुझे एंड्रयू कार्नेगी नहीं बनाया।

यह सुनकर कार्नेगी ने अपने सेक्रेटरी से कहा मेरे मरने के बाद तुम अपना निष्कर्ष सारी दुनिया में प्रचारित कर देना। तुम सही कहते हो। मैं धनपति कुबेर हैूँ लेकिन काम से फुर्सत ही नहीं मिली – बच्चों को समय नहीं दे पाया, पत्नी से अपरिचित ही रह गया, मित्रों को दूर ही रखा, बस अपने साम्राज्य को बचाने-बढ़ाने की निरंतर चिंता। Short Motivational Story In Hindi

अब लग रहा है कि यह दौड़ व्यर्थ थी।’ कल ही मुझसे किसी ने पुछा था, क्या तुम तृप्त होकर मर पाओगे?’ मैंने उत्तर दिया- मैं मात्र दस अरब डॉलर छोड़कर मर रहा हैंँ। सौ खरब की आकांक्षा थी, जो अधुूरी रह गई।’ very short motivational story in hindi

सीख –

यह उदाहरण उन लोगों के लिए शिक्षाप्रद सिदध हो सकता है, जो पाश्चात्य संस्कृति की दौड़ में धन की लालसा लिए चिंता, भय, तनाव, ईष्या आदि जैसे मनोरोगों से ग्रसित होकर सार्थक जीवन के वास्तविक आनंद से वंचित हो रहे हैं।

कार्नेगी के सेक्रेटरी की भांति उत्तम चरित्र वाले व्यक्ति पॉजिटिव लाइफ में विश्वास करते |हैं, जिससे उनका जीवन संतुलित रहता है, क्योंकि वे जानते हैं कि वर्तमान में ही भावी जीवन का निर्माण होता है और इसके लिए धन संचय की प्रवृत्ति निर्मूल है।

जरा-सी देरी हमारा बना-बनाया खेल बिगाड़ सकती हैं:-

लंदन की चर्चित मिनिस्ट्री में सर एडवर्ड टॉमस निर्माण एवं यातायात मंत्री थे । एक बहुत बड़े निर्माण कार्य को संपन्न कराने के लिए उनके विभाग ने टेंडर निकाले। टेंडर भरने वालों में सर टॉमस का एक सहपाठी भी था। वह टॉमस से मिला। टॉमस ने कहा- ‘तुम सारी औपचारिकताएं पूरी कर दो, मैं तुम्हारे टेंडर पास कराने का पूरा प्रयास करँगा, पर कार्य समय पर पूरा होना चाहिए। motivational short story in hindi

सर टॉमस कड़ाई से समय का पालन करते थे। सहपार्ठी प्रसन्न हो गया। उसका टेंडर मंजूर टॉमस ने उसे फोन पर सूचित किया कि वह आदेश-पत्र ले जाय, जिसके लिए दोपहर एक बजे का समय
निश्ति हुआ। मित्र सर टॉमस के कार्यालय पहुँचा। Short Motivational Story In Hindi

उस समय घड़ी में एक बजकर दो मिनट हो चुके थे। सर टॉमस अपने कार्यालय में मौजूद थे, उन्हें मित्र के आने की सूचना मिली। उन्होंने घड़ी की ओर देखा और इंटरकाम पर अपने पी.ए. को सूचना दी- उनसे कहिए, उनका टेंडर रिजेक्ट हो गया है। यह सुनते ही मित्र घबरा गया।

उसने रिसेष्शन से ही फोन किया और उनसे बोला, डियर फ्रेंड, क्या बात हो गई? पहले स्वीकृत, अब अस्वीकृत! ‘कुछ बात नहीं, टेंडर नामंजूर हो गया।

‘मगर क्यों? आपने तो कहा था कि..

‘कहा था लेकिन तुम समय पर कार्य पुरा नहीं कर सकोगे’- सर टॉमस ने कहा।

‘सर, मैं हर हालत में कार्य समय पर पूरा करूँगा।

‘मुझे विश्वास है, तुम नहीं करोगे। तुमने एक बजे का समय दिया था, दो मिनट लेट हो। जाहीर है, तुम समय पर कार्य नहीं करोगे।’

‘अरे, तुम मेरा, प्लीज, लीव इट, कहकर रिसीवर रख दिया।

ज्रा-सी देर के कारण मित्र को गोल्डन चांस गंवाना पड़ा और वह निराश होकर लौट गया।

Short Motivational Story In Hindi

सीख –

यह कहानी हमे सिखाती है की जिस व्यक्ति की दृष्टि में समय की कीमत नहीं है, वह बात का धनी नहीं होता है, क्योंकि उसका जीवन अव्यवस्थित रहता है और वह अपने कार्य को समय पर कभी पूरा नहीं कर सकता। उसका जीवन असफल’ कहलाता है।

दूसरों में ‘अच्छाइयाँ ढूँढे :-

एक दिन श्रील चेतन्य महाप्रभु पुरी (उड़ीसा) के जगन्नाथ मंदिर में गुरूड़ स्तंभ’ के सहारे खड़े होकर दर्शन कर रहे थे। एक स्त्री वहां श्रद्धालु भक्तों की भीड़ को चीरती हुई देव-दर्शेन हेतु उसी स्तंभ पर चढ़ गई और अपना एक पांव महाप्रभुजी के दाएं कंधे पर रखकर दर्शन करने में लीन हो गई।

यह दृशय देखकर महाप्रभु का एक भक्त घबड़ाकर धीमे स्वर में बोला, ‘हाय, सर्वनाश हो गया! जो प्रभु स्त्री के नाम से दूर भागते हैं, उन्हीं को आज एक स्त्री का पाव स्पश हो गया! न जाने आज ये क्या कर डालेंगे।’ Short Motivational Story In Hindi

वह उस स्त्री को नीचे उतारने के लिए आगे बढ़ा ही था कि उन्होंने सहज भावपूर्ण शब्दों में उससे कहा -अरे नहीं, इसको भी जी भरकर जगन्नाथ जी के दर्शन करने दो, इस देवी के तन-मन-प्राण में कृष्ण समा गए हैं, तभी यह इतनी तन्मयी हो गई कि इसको न तो अपनी देह और मेरी देह का ज्ञान रहा…अहा! ठसकी तन्मयता तो धन्य है.. इसकी कृपा से मुझे भी ऐसा व्याकुल प्रेम हो जाए।

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सीख –

यह कहानी हमे सिखाती है की काम करते समय दूसरों की गलतियों की बजाय अच्छाइयां दूँढना अपनी आदत में लें, जिससे हमारे का की गुणवत्ता बढ़े और समय की बचत हो। साथ में यह आदत हमारे शिष्ट – व्यवहार को दर्शाएगी।


अपना दृष्टिकोण व्यापक बनाएं :-

थॉर्नबरी ज्योतिष शासत्र के ज्ञाता थे। सितारों की रिथिति का अध्ययन करने की धुन में उनकी नजर सदा
आसमान में रहती थी। एक बार वे तारों की रिथिति का अध्ययन करते जा रहे थे कि एक गहरे गड़ढ़े में गिर पड़े। very short motivational story in hindi

एक बूढ़ी महिला ने उन्हें बाहर निकाला। पूछने पर बड़े गर्व से थॉर्नबरी ने कहा – मैं एक बहुत बड़ा ज्योतिषी हूँ । दुनियाभर के ज्योतिषी तारों की स्थिती पूछने के लिए मेरे पास आते हैं। आगर तुम्हें कभी कुछ पूछना हो तो मेरे पास आना।’ motivational short story in hindi

उस स्त्री ने कहा- ‘बेटे, मैं कभी तेरे पास नहीं आऊंगी।’ ‘क्यों?’ – थॉनबरी ने चौंककर पूछा। स्त्री ने कहा –
‘क्योंकि जिसे धरती के गड़दों की जानकारी नहीं है, उसे तारों की क्या जानकारी होगी? ‘ उन्हें यह बात चुभ गई। best motivational story in hindi

उन्होंने उसी दिन से ज्योतिष के साथ – साथ भू- गर्भ का भी अध्ययन शुरू कर दिया और धरती में छिपे
अनेकानेक महान् रहस्यों की खोज कर डाली। Short Motivational Story In Hindi

सीख –

यह कहानी हमे सिखाती है की देखने की शक्ति हमारे अंदर है। हमारा नजरिया ऐसा हो कि मन की खिड़कियाँ सदा खुली रहें, जिससे चारों तरफ की स्थिति पर हम नजर डाल सकें। लक्ष्यों के निर्माण में हमें अपने जीवन-उद्देश्य की गहराई तक की सोच बनानी पड़ती है, तभी हमें स्थायी सफलता मिलती है । याद रखें, कभी-कभी अच्छा पाने के लिए हमें काफी गहराई में जाना पड़ता है, क्योंकि हो सकता है कि ऊपर से यह साफ न दिखाई दे रहा हो।

पर उपदेश कुशल बहुतेरे :-

एक बार पंक्षियों का राजा अपने दल के साथ भोजन की खोज में एक जंगल में गया।
‘जाओ और जाकर दाने और बीज ढंढो। मिले तो बताना। सब मिलकर खाएगें।’ राजा ने पंक्षियों को आदेश दिया। best motivational story in hindi

सभी पक्षी दानों की तलाश में उधर निकल पड़े। उड़ते-उड़ते एक चिड़िया उस सड़क पर आ गई जहां से
गाडियों में लदकर अनाज जाता था। उसने सड़क पर अनाज बिखरा देखा। उसने सोचा कि वह राजा को इस जगह के बारे में नहीं बताएगी पर किसी और चिड़िया ने इधर आकर यह अनाज देख लिया तो.? ठीक है, बता भी दूंगी लेकिन यहां तक नहीं पहुंचने दूंगी। Short Motivational Story In Hindi

वह वापस अपने राजा के पास पहुंच गई। उसने वहां जाकर बताया कि राजमार्ग पर अनाज के ढेरों दाने पड़े हैं। लेकिन वहां खतरा बहुत है। तब राजा ने कहा कि कोई भी वहां न जाए। इस तरह सब पक्षियों ने राजा की बात मान ली। very short motivational story in hindi

चिड़िया चुपचाप अकेली ही राजमार्ग की ओर उड़ चली और जाकर दाने चुगने लगी। अभी कुछ ही देर
बीती कि उसने देखा एक गाड़ी तेजी से आ रही थी। चिड़िया ने सोचा गाड़ी तो अभी दूर है। क्यों न दो-चार दाने और चुग लूं। motivational short story in hindi

देखते-देखते गाड़ी चिड़िया के उपर से गुजर गई और उसके प्राण पखेरू उड गए। उधर शाम को राजा ने देखा कि वह चिड़िया नहीं आई है तो उसने सैनिकों को उसे ढूंढने का आदेश दिया। वे सब दूंढते-दूंढ़ते राजमार्ग पर पहुंच गए वहां देखा तो वह चिड़िया मरी पड़ी थी। राजा ने कहा, ‘इसने हम सबको तो मना किया था किंत् लालचवश वह अपने को नहीं रोक पाई और प्राणों से हाथ धो वैठी।

सीख –

यह कहानी हमे सिखाती है की अत्यधिक लाभ का फल कभी-कभी प्राणघातक भी हो सकता है।

जीवन मधुरस से परिपूर्ण है:-

एक बार एक व्यक्ति ने लियो टॉल्सटॉय से पूछा, ‘जीवन क्या है?’ उन्होंने एक क्षण उस व्यक्त की ओर देखा, फिर कहा – ‘एक बार एक यात्री जंगल से गुजर रहा था। अचानक एक जंगली हाथी उसकी तरफ झपटा, बचाव का अन्य कोई उपाय न दिखकर वह रास्ते के एक कुए में कूद गया।

कुए के बीच में बरगद का एक मोटा पेड़ था। यात्री उस पेड़ की जटा पकड़कर लटक गया। कुछ देर बाद उसकी निगाह कुएं में नीचे की ओर गई, नीचे एक विशाल मगरमच्छ अपना मुंह फाड़े उसके नीचे टपकने का इंतजार कर रहा था। Short Motivational Story In Hindi

डर के मारे उसने अपनी निगाह उपर कर ली । उपर उसने देखा कि शहद के एक छत्ते से बूंद-बूंद मधु टपक रहा था। best motivational story in hindi

स्वाद के सामने वह भय को भूल गया। उसने टपकते हुए मधु की ओर बढ़कर अपना मुंह खोल दिया और। तल्लीन होकर बूंद – बूंद मधु पीने लगा, परन्तु यह क्या? उसने आश्चर्यचकित होकर देखा कि वह जटा के जिस मूल को पकड़कर लटका हुआ था, उसे एक सफेद और एक काला चूहा कुतर-कुतर कर कारट रहे थे। very short motivational story in hindi

प्रश्नकर्ता की प्रश्नसूचक मुद्रा को देखकर टॉल्सटॉय ने कहा, ‘नहीं समझे तुम?’ उसने कहा, ‘आप ही बताइए । तब वे समझाते हुए उससे बोले- वह हाथी ‘काल’ था, मगरमच्छ ‘मृत्यु’ थी। मधु ‘जीवन-रस’ था और काला तथा सफेद चूहा ‘रात और दिन’। motivational short story in hindi

इन सबका सम्मिलित नाम ही जीवन है । ‘ तात्पर्य यह है कि वर्तमान में हमारा जीवन सीमित समय तक के लिए है और हमें इसकी डैडलाइन भी मालूम नहीं है। फिर भी हम किसी प्रकार के भय से मुक्त रहकर अपने निर्धारित कामों में आनंदपूर्वक तल्लीन रहें। इसी का नाम जीवन है, जो मधुरस से परिपूर्ण है।

याद रखें- हर एक के जीवन में सुख और दूःख दोनों आते हैं जैसे कि समृद्र में ज्वार -भाटा। हमें चाहिए कि इन दोनों को एक ‘समभाव’ में लेते हुए समय का आदर करें यानि इसका एक क्षण भी व्यर्थ न जाने दें। अगर कोई यह कहे कि अभी मेरी यूथ एज है, 40-50 का होने के बाद मैं जीवन के प्रति गंभीरता से सोचूंगा, त तो यह उसका। Short Motivational Story In Hindi

कोरा भ्रम है, क्योंकि जीवन तो जन्म से ही चलता आ रहा है। महान व्यक्तियों की जीवनियां बताती हैं। व्यक्ति के जीवन का मूल्य उसकी लम्बी उम्र से नहीं, बल्कि उसकी कृतियों से आंका जाता है।

यहां कुछ ऐसे व्यक्यों के उदाहरण हैं जो चलिश-पचास की आयु से ऊपर नहीं पहुंचे और वे अपनी महान् कृतियों और उपलब्धियों के द्वारा में अपना नाम छोड़ गए, जैसे- भारतेन्द् हरिश्चन्द्र, स्वामी विवेकानंद, स्वामी शंकराचार्य, जयशंकर प्रसाद, लाला हरदयाल, जॉन कीट्स, पी.बी. शैली, फ्रेंच दार्शनिक पास्कल, जॉन एफ. कैनेडी इत्यादि । मानव-जीवन बार-बार नहीं मिलता है।

अतः इस सीमित जीवन में हमें ऐसे प्रशंसनीय कार्य करके अपनी अमिट छाप यहां छोड़े कि आगे चलकर दूसरे लोग उनसे ‘प्रणा’ लेते रहें। motivational short story in hindi

तन से बढ़कर मन का सौन्दर्य है :-

महाकाव्य मेघदूत’ के रचयिता कालिदास मूर्ख’ नाम से प्रसिद्ध हैं, जिनका विवाह सुंदर व महान गुणवती
विघोतमा से हुआ था। उन महाकवि से राजा विक्रमादित्य ने एक दिन अपने दरबार में पूछा, ‘क्या कारण है, आपका शरीर मन और बुदधी के अनुरूप नहीं है?’ best motivational story in hindi

इसके उत्तर में कालिदास ने अगले दिन दरबार में सेवक से दो घड़ों में पीने का पानी लाने को कहा। वह जल से भरा एक स्वर्ण निर्मित घड़ा और दुसरा मिटटी का घड़ा ले आया। अब महाकि ने राजा से विनयपूर्वक पृछा, ‘महाराज!’ आप कौनसे घडे का जल पीना पसंद करेंगे?

विक्रमादित्य ने कहा, ‘कवि महोदय, यह भी कोई पूछने की बात है? इस ज्येष्ठ मास की तपन में सबको मिटटी के घड़े का ही जल भाता है। Short Motivational Story In Hindi

कालिदास मुस्कराकर बोले, ‘तब तो महाराज, आपने अपने प्रश्न का उत्तर स्वयंम ही दे दिया।’ राजा समझ गए कि जिस प्रकार जल की शीतलता बर्तन की सुंदरता पर निर्भर नहीं करती, उसी प्रकार मन-बुदधी का सौंदि्य तन की सुंदरता से नहीं आँका जाता। यह है मन का सौदय, मनुष्य को महान बना देता है और उसका सर्वत्र सम्मान होता है। motivational short story in hindi

तितली का संघर्ष :-

एक बार एक आदमी को अपने बगीचे में टहलते हुए किसी टहनी से लटकता हुआ एक तितली का कोकून दिखाई पड़ा. अब हर रोज़ वो आदमी उसे देखने लगा, और एक दिन उसने नोटिस किया कि उस कोकून में एक छोटा सा छेद बन गया है। very short motivational story in hindi

उस दिन वो वहीं बैठ गया और घंटो उसे देखता रहा. उसने देखा की तितली उस खोल से बाहर निकलने की बहुत कोशिश कर रही है, पर बहत देर तक प्रयास करने के बाद भी वो उस छेद से नहीं निकल पायी और फिर वो बिलकुल शांत हो गयी मानो उसने हार मान ली हो। best motivational story in hindi

इसलिए उस आदमी ने निश्चय किया कि वो उस तितली की मदद करेगा. उसने एक कैंची उठायी और कोकून की खुले भाग को इतना बड़ा कर दिया की वो तितली आसानी से बाहर निकल सके। और यही हआ, तितली बिना किसी और संघर्ष के आसानी से बाहर निकल आई। Short Motivational Story In Hindi

पर उसका शरीर सूजा हुआआ था, और पंख सूखे हुए थे। वो आदमी तितली को ये सोच कर देखता रहा कि वो किसी भी वक्त अपने पंख फैला कर उड़ने लगेगी, पर ऐसा कुछ भी नहीं हुआ. इसके उलट बेचारी तितली कभी उड़ ही नहीं पाई और उसे अपनी बाकी की ज़िन्दगी इथर उधर घिसटते हुए बीतानी पड़ी।

वो आदमी अपनी दया और जल्दबाजी में ये नहीं समझ पाया की दरअसल कोकून से निकलने की प्रक्रिया को प्रकृति ने इतना कठिन इसलिए बनाया है ताकि ऐसा करने से तितली के शरीर में मौजुद तरल उसके पंखों में पहच सके और वो छेद से बाहर निकलते ही उड़ सके। motivational short story in hindi

वास्तव में कभी-कभी हमारे जीवन में संघर्ष ही वो चीज होती जिसकी हमें सचमुच आवश्यकता होती है. यदि हम बिना किसी संघर्ष के सब कुछ पाने लगे तो हम भी एक अपंग के सामान हो जायेंगे।

बिना परिश्रम और संघर्ष के हम कभी उतने मजबूत नहीं बन सकते जितना हमारी क्षमता है. इसलिए जीवन में आने वाले कठिन पलों को सकारात्मक हृष्टिकोण से देखिये वो आपको कुछ ऐसा सीखा जायंगे जो आपकी ज़िन्दगी की उड़ान को मुमकिन बना पायेंगे।

आप हाथी नहीं इंसान हैं :-

एक आदमी कहीं से गुजर रहा था, तभी उसने सड़क के किनारे बंधे हाथियों को देखा, और अचानक रुक गया. उसने देखा कि हाथियों के अगले पैर में एक रस्सी बंधी हुई है। best motivational story in hindi

उसे इस बात का बड़ा अचरज हुआ की हाथी जैसे विशालकाय जीव लोहे की जंजीरों की जगह बस एक छोटी सी रस्सी से बंधे हुए हैं!! ये रू्पष्ठ था कि हाथी जब चाहते तब अपने बंधन तोड़ कर कहीं भी जा सकते थे, पर किसी वजह से वो ऐसा नहीं कर रहे थे। Short Motivational Story In Hindi

उसने पास खड़े महावत से पूछा कि भला ये हाथी किस प्रकार इतनी शांति से खड़े हैं और भागने का प्रयास नही कर रहे हैं ? तब महावत ने कहा, ” इन हाथियों को छोटे पर से ही इन रस्स्यों से बाँधा जाता है। उस समय इनके पास इतनी शक्ति नहीं होती की इस बंधन को तोड़ सकें।

बार-बार प्रयास करने पर भी रस्सी ना तोड़ पाने के कारण उन्हें धीरे-धीरे यकीन होता जाता है कि वो इन रस्सियों को नहीं तोड सकते, और बड़े होने पर भी उनका ये यकीन बना रहता है, इसलिए वो कभी इसे तोड़ने का प्रयास ही नहीं करते। ” motivational short story in hindi

आदमी आश्चर्य में पड़ गया कि ये ताकतवर जानवर सिर्फ इसलिए अपना बंधन नहीं तोड़ सकते क्योंकि वो इस बात में यकीन करते हैं !। इन हाथियों की तरह ही हममें से कितने लोग सिर्फ पहले मिली असफलता के कारण ये मान बैठते हैं कि अब हमसे ये काम हो ही नहीं सकता और अपनी ही बनार्यी हुई मानसिक जंजीरों में जकड़े-जकड़े पूरा जीवन गुजार देते हैं।

याद रखिये असफलता जीवन का एक हिस्सा है और निरंतर प्रयास करने से ही सफलता मिलती है. यदि आप भी ऐसे किसी बंधन में बंधे हैं जो आपको अपने सपने सच करने से रोक रहा है तो उसे तोड़ डालिए-“.. आप हाथी नहीं इंसान हैं। very short motivational story in hindi

गुरु-दक्षिणा :-

एक बार एक शिष्य ने विनम्तापूर्वक अपने गुरु जी से पूछा- गुरु जी, कुछ लोग कहते हैं कि जीवन एक संघर्ष है, कछ अन्य कहते हैं कि जीवन एक खेल है और कुछ जीवन को एक उत्सव की संज्ञा देते हैं | इनमें कौन सही है? Short Motivational Story In Hindi

गुरु जी ने तत्काल बड़े ही धैर्यपूर्वक उत्तर दिया पुत्र जिनहें गुरु नहीं मिला उनके लिए जीवन एक संघर्षहै; जिन्हें गुरु मिल गया उनका जीवन एक खेल है और जो लोग गुरु द्वारा बताये गए मार्ग पर चलने लगते हैं,मात्र वे ही जीवन को एक उत्सव का नाम देने का साहस जुटा पाते हैं ।

‘यह उत्तर सुनने के बाद भी शिष्य पूरी तरह से संतुष्ट न था। गुरु जी को इसका आभास हो गया वे कहने लगे- लो,तुम्हें इसी सन्दर्भ में एक कहानी सुनाता हूँ। ध्यान से सुनोगे तो स्वयं ही अपने प्रश्न का उत्तर पा सकोगे।

उन्होंने जो कहानी सुनाई, वह इस प्रकार थी-एक बार की बात है कि किसी गुरुकूल में तीन शिष्यों नें अपना अध्ययन सम्पूर्ण करने पर अपने गुरु जी से यह बताने के लिए विनती की कि उन्हें गुरुदाक्षिणा में, उनसे क्या चाहिए । very short motivational story in hindi

गुरु जी पहले तो मंद मंद मुस्कराये और फिर बड़े स्नेहपूर्वक कहने लगे-मुझे तुमसे गुर्दक्षिणा में एक थैला भर के सूखी पत्तियां चाहिए,ला सकोगे?

वे तीनों मन ही मन बहुत प्रसन्न हुए क्योंकि उन्हें लगा कि वे बड़ी आसानी से अपने गुरु जी की इच्छा पूरी कर सकेंगे |सूखी पत्तियाँ तो जंगल में सर्वत्र बिखरी ही रहती हैं। वे उत्साहपूर्वक एक ही स्वर में बोले-जी गुरु जी, जैसी आपकी आज्ञा। motivational short story in hindi

अब वे तीनों शिष्य चलते-चलते एक समीपस्थ जंगल में पहुँच चुके थे | लेकिन यह देखकर कि वहाँ पर तो सुखी पत्तिरयाँ केवल एक मुड़ी भर ही थी उनके आश्चर्य का ठिकाना न रहा। वे सोच में पड़ गये कि आखिर जंगल से कोन सूखी पत्तियां उठा कर ले गया होगा? best motivational story in hindi

इतने में ही उन्हें दूर से आता हुआ कोई किसान दिखाई दिया |वे उसके पास पहुँच कर, उससे विनमतापूर्वक याचना करने लगे कि वह उन्हें केवल एक थैला भर सूखी पत्तियां दे दे। अब उस किसान ने उनसे क्षमायाचना करते हुए, उन्नहें यह बताया कि वह उनकी मदद नहीं कर सकता क्योंकि उसने सुखी पत्तियों का ईधन के रूप में पहले ही उपयोग कर लिया था। Short Motivational Story In Hindi

अब, वे तीनों, पास में ही बसे एक गाँव की ओर इस आशा से बढ़ने लगे थे कि हो सकता है वहाँ उस गाँव में उनकी कोई सहायता कर सके। very short motivational story in hindi

वहाँ पहुॅच कर उन्होंने जब एक व्यापारी को देखा तो बड़ी उम्मीद से उससे एक थैला भर सुखी पत्तियां देने के लिए प्रार्थना करने लगे लेकिन उन्हें फिर से एकबार निराशा ही हाथ आई क्योंकि उस व्यापारी ने तो, पहले ही, कुछ पैसे कमाने के लिए सुखी पत्तियों के दोने बनाकर बेच दिए थे लेकिन उस व्यापारी ने उदारता दिखाते हुए उन्हें एक बुढ़ी माँ का पता बताया जो सुखी पत्तियां एकत्रित किया करती थी।

पर भाग्य ने यहाँ पर भी उनका साथ नहीं दिया क्योंकि वह बुढी माँ तो उन पत्तियों को अलग-अलग करके कई प्रकार की ओषधियाँ बनाया करती थी । अब निराश होकर वे तीनों खाली हाथ ही गुरुकुल लौट गये | गुरु जी ने उन्हें देखते ही स्जेहपूर्वक पूछा- पुत्रों, ले आये गुरुदक्षिणा ? motivational short story in hindi

तीनों ने सर झुका लिया | गुरू जी द्वारा दोबारा पूछे जाने पर उनमें से एक शिष्य कहने लगा- ‘गुरुदेव, हम आपकी इच्छा पूरी नहीं कर पाये हमने सोचा था कि सुखी पत्तियां तो जंगल में सर्वत्र बिखरी ही रहती होंगी लेकिन बड़े ही आश्चर्य की बात है कि लोग उनका भी कितनी तरह से उपयोग करते हैं ।

गुरु जी फिर पहले ही की तरह मुस्कराते हुए प्रेमपूर्क बोले-निराश क्यों होते हो ?्रसन्न हो जाओ और यही ज्ञान कि सूखी पत्तियां भी व्यर्य नहीं हुआ करतीं बल्कि उनके भी अनेक उपयोग हुआ करते हैं; मुझे गुरुदक्षिणा के रूप में दे दो।तीनों शिष्य गुरु जी को प्रणाम करके खुशी-खुशी अपने-अपने घर की ओर चले गये। Short Motivational Story In Hindi

वह शिष्य जो गुरु जी की कहानी एकाग्रचित्त हो कर सुन रहा था, अचानक बड़े उत्साह से बोला-गुरु जी, अब मुझे अच्छी तरह से ज्ञात हो गया है कि आप क्या कहना चाहते हैं । आप का संकेत, वस्तुतः इसी ओर है न कि जब सर्वत्र सुलभ सूखी पत्तियां भी निरर्थक या बेकार नहीं होती हैं तो फिर हम कैसे, किसी भी वस्तु या व्यक्ति को छोटा और महत्त्वहीन मान कर उसका तिरस्कार कर सकते हैं?

चींटी से लेकर हाथी तक और सुई से लेकर तलवार तक- सभी का अपना-अपना महत्त्व होता है | ‘गुरु जी भी तुरंत ही बोले- हाँ, पत्र, मेरे कहने का भी यही तात्पर्य है कि हम जब भी किसी से मिलें तो उसे यथायोग्य मान देने का भरसक प्रयास करें ताकि आपस में स्नेह, सद्धावना,सहानुभूति एवं सहिष्णुता का विस्तार होता रहे और हमारा जीवन संघर्ष के बजाय उत्सव बन सके । very short motivational story in hindi

दूसरे यदि जीवन को एक खेल ही माना जाए तो बेहतर यही होगा कि हम नि्विक्षेप, स्वस्थ एवं शांत प्रतियोगिता में ही भाग लें और अपने निष्पादन तथा निर्माण को ऊंचाई के शिखर पर ले जाने का अथक प्रयास करें। ‘अब शिष्य पूरी तरह से संतुष्ट था। Short Motivational Story In Hindi

अंततः,मैं यही कहना चाहती हूँ कि यदि हम मन, वचन और कर्म- इन तीनों ही स्तरों पर इस कहानी का मूल्यांकन करें , तो भी यह कहानी खरी ही उतरेगी |सब के प्रति पूर्वाग्रह से मुक्त मन वाला व्यक्ति अपने वचनों से कभी भी किसी को आहत करने का दुःसाहस नहीं करता और उसकी यही ऊर्जा उसके परुषार्थ के मार्ग की समस्त बाधाओं को हर लेती है। वस्तुृतः हमारे जीवन का सबसे बड़ा ‘उत्सव’ पुरुषार्थ ही होता है-ऐसा विदवानों का मत है। motivational short story in hindi

सफलता का रहस्य :-

एक बार एक नौजवान लड़के ने सुकरात से पूछा के सफलता का रहस्य क्या है? सुकरात ने उस लड़के से कहा कि तुम कल मुझे नदी के किनारे मिलो. वो मिले. फिर सुकरात ने नौजवान से उनके साथ नदी की तरफ बढ़ने को कहा। best motivational story in hindi

और जब आगे बढ़ते -बढ़ते पानी गले तक पहुँच गया, तभी अचानक सुकरात ने उस लड़के का सर पकड़ के पानी में इबो दिया. लड़का बाहर निकलने के लिए संघर्ष करने लगा। लेकिन सुकरात ताकतवर थे और उसे तब तक इबोये रखे जब तक की वो नीला नहीं पड़ने लगा।

फिर सुकरात ने उसका सर पानी से बाहर निकाल दिया और बाहर निकलते ही जो चीज उस लड़के ने सबसे पहले की वो थी हॉफते-हॉफते तेजी से सांस लेना. सुकरात ने पूछा,” जब तुम वहाँ थे तो तुम सबसे ज्यादा क्या चाहते थे?” Short Motivational Story In Hindi

लड़के ने उत्तर दिया,”सांस लेना सुकरात ने कहा,” यही सफलता का रहस्य है. जब तुम सफलता को उतनी ही बुरी तरह से चाहोगे जितना की तुम सांस लेना चाहते थे तो वो तुम्हे मिल जाएगी इसके आलावा
और कोई रहस्य नहीं है। very short motivational story in hindi

बोले हुए शब्द वापस नहीं आते एक बार एक किसान ने अपने पड़ोसी को भला बूरा कह दिया, पर जब
बाद में उसे अपनी गलती का एहसास हुआ तो वह एक संत के पास गया.उसने संत से अपने शब्द वापस लेने का उपाय पूछा. तुम खूब सारे पंख इकद्ठा कर लो, और उन्हें शहर के बीचो-बीच जाकर रख दो ।”

किसान ने ऐसा ही किया और फिर संत के पास पहंच गया। तब संत ने कहा , ” अब जाओ और उन पंखों को इकड्ला कर के वापस ले आओ”। motivational short story in hindi

किसान वापस गया पर तब तक सारे पंख हवा से इधर-उधर उड़ चुके थे. और किसान खाली हाथ संत के पास पहंचा. तब संत ने उससे कहा कि ठीक ऐसा ही तुम्हारे दुवारा कहे गए शब्दों के साथ होता है,तुम आसानी से इन्हें अपने मुख से निकाल तो सकते हो पर चाह कर भी वापस नहीं ले सकते।

इस कहानी से क्या सीख मिलती है की कुछ कड़वा बोलने से पहले ये याद रखें कि भला-बरा कहने के बाद कुछ भी कर के अपने शब्द वापस नहीं लिए जा सकते. हाँ, आप उस व्यक्ति से जाकर क्षेमा ज़रूर मांग सकते हैं। Short Motivational Story In Hindi

और मांगनी भी चाहिए, पर मानबीय व्यवहार कुछ ऐसा होता है की कुछ भी कर लीजिये इंसान कहीं ना कहीं दुखीहो ही जाता है। जब आप किसी को बुरा कहते हैं तो वह उसे कष्ट पहुंचाने के लिए होता है पर बाद में वो आप ही को अधिक कष्ट देता है. खुद को कष्ट देने से क्या लाभ, इससे अच्छा तो है की चुप रहा जाए। motivational short story in hindi

बाड़े की कील :-

बहत समय पहले की बात है, एक गाँव में एक लड़का रहता था. वह बहत ही गुस्सैल था, छोटी-छोटी बात
पर अपना आप खो बैठता और लोगों को भला-बरा कह देता, उसकी इस आदत से परेशान होकर एक दिन उसके पिता ने उसे कीलों से भरा हुआ एक थैला दिया और कहा कि , ” अब जब भी तुम्हे गुस्सा आये तो तुम इस थैले में से एक कील निकालना और बाई़े में ठोक देना।” best motivational story in hindi

पहले दिन उस लड़के को चालीस बार गुस्सा किया और इतनी ही कीलें बाड़े में ठोंक दी.पर धीरे-धीरे कीलों की संख्या घटने लगी.उसे लगने लगा की कीलें ठौंकने में इतनी मेहनत करने से अच्छा है कि अपने क्रोध पर काबू किया जाए और अगले कृुछ हफ्तों में उसने अपने गुस्से पर बहत हद्द तक काबू करना सीख लिया। और फिर एक दिन ऐसा आया कि उस लड़के ने परे दिन में एक बार भी अपना गुस्से को काबू मैं रखा। motivational short story in hindi

जब उसने अपने पिता को ये बात बताई तो उन्होंने ने फिर उसे एक काम दे दिया, उन्होंने कहा कि ,” अब
हर उस दिन जिस दिन तुम एक बार भी गुस्सा ना करो इस बाड़े से एक कील निकाल निकाल देना।” लड़के ने ऐसा ही किया, और बहुत समय बाद वो दिन आ गया जब लड़के ने बाड़े में लगी आखिरी कील
भी निकाल दी। Short Motivational Story In Hindi

अपने पिता को खुशी से ये बात बतायी। तब पिताजी उसका हाथ पकड़कर उस बाई़े के पास ले गए, और बोले, ” बेटे तुमने बहत अच्छा काम किया है। very short motivational story in hindi

लेकिन क्या तम बाड़ में हुए छेदों को देख पा रहे हो. अब वो बाड़ा कभी भी वैसा नहीं बन सकता जैसा वो पहले था। जब तुम क्रोध में कुछ कहते हो तो वो शब्द भी इसी तरह सामने वाले व्यक्ति पर गहरे घाव छोड़ जाते हैं।” इसलिए अगली बार पनाआपे को खो देने से पहले सोचिये कि क्या आप भी उस बाडे में और कीलें ठोकना चाहते हैं !!! motivational short story in hindi

आज ही क्यों नहीं ? :-

एक बार की बात है कि एक शिष्य अपने गरु का बहत आदर सम्मान किया करता था |गुरु भी अपने इस
शिष्य से बहत स्नेह करते थे लेकिन वह शिष्य अपने अध्ययन के प्रति आलसी और स्वभाव से दीर्घसूत्री
था ।सदा स्वाध्याय से दुर भागने की कोशिश करता तथा आज के काम को कल के लिए छोड़ दिया करता
था । best motivational story in hindi

अब गुरूजी कुछ चिंतित रहने लगे कि कहीं उनका यह शिष्य जीवन-संग्राम में पराजित न हो
जाये| आलस्य में व्यक्ति को अकर्मण्य बनाने की पुरी सामथ्र्य होती है |ऐसा व्यक्ति बिना परिश्रम के ही
फलोपभोग की कामना करता है।

वह शीघ्र निर्णय नहीं ले सकता और यदि ले भी लेता है,तो उसे कार्यान्वित नहीं कर पाता| यहाँ तक कि अपने पर्यावरण के प्रति भी सजग नहीं रहता है और भाग्य दवारा प्रदत्त सुअवसरों का लाभ उठाने की कल में ही प्रवीण हो पता है । motivational short story in hindi

उन्होंने मन ही मन अपने शिष्य के कल्याण के लिए एक योजना बना ली एक दिन एक काले पत्थर का एक ट्कड़ा उसके हाथ में देते हुए गुरु जी ने कहा -मैं तु्म्हें यह जादुई पत्थर का टुकड़ा, दो दिन के लिए दे कर, कहीं दूसरे गाँव जा रहा हूँ। Short Motivational Story In Hindi

जिस भी लोहे की वस्तु को तुम इससे स्पर्श करोगे, वह स्वर्ण में परिवर्तित हो जायेगी पर याद रहे कि दूसरे दिन सूर्यास्त के पश्चात मैं इसे तुमसे वापस ले लूँगा।’

शिष्य इस सुअवसर को पाकर बड़ा प्रसन्न हुआ लेकिन आलसी होने के कारण उसने अपना पहला दिन यह कल्पना करते-करते बिता दिया कि जब उसके पास बहत सारा स्वर्ण होगा तब वह कितना प्रसन्न,
सुखी,समद्ध और संतृष्ट रहेगा, इतने नौकर -चाकर होंगे कि उसे पानी पीने के लिए भी नहीं उठाना पड़ेगा। motivational short story in hindi

फिर दुसरे दिन जब वह प्रातः काल जागा,उसे अच्छी तरह से स्मरण था कि आज स्वर्ण पाने का दुसरा और अंतिम दिन है |उसने मन में पक्का विचार किया कि आज वह गुरूजी द्वारा दिए गये काले पत्थर का लाभ ज़रूर उठाएगा। best motivational story in hindi

उसने निश्चय किया कि वो बाज़ार से लोहे के बड़े-बड़े सामान खरीद कर लायेगा और उन्हें स्वर्ण में परिवर्तित कर देगा. दिन बीतता गया, पर वह इसी सोच में बैठा रहा की आभी तो बहत समय है। कभी भी बाज़ार जाकर सामान लेता आएगा। Short Motivational Story In Hindi

उसने सोचा कि अब तो दोपहर का भोजन करने के पश्चात ही सामान लेने निकलूंगा. पर भजन करने के बाद उसे विश्राम करने की के मेहनत करने के थोड़ी आराम करना उचित समझा. पर आलस्य गहराइयों में खो गया, और जब वो उठा तो सूर्यास्त होने को था। very short motivational story in hindi

अब वह जल्दी-जल्दी बाज़ार की तरफ भागने लगा, पर रास्ते में ही उसे गुरूजी मिल गए उनको देखते ही वह उनके चरणों पर गिरकर, उस जादूई पत्थर को एक दिन और अपने पास रखने के लिए याचना करने लगा लेकिन गरूजी नहीं माने और उस शिष्य का धनी होने का सपना चूर-चूर हो गया।

पर इस घटना की वजह से शिष्य को एक बहत बड़ी सीख मिल गरयी; उसे अपने आलस्य पर पछतावा होने लगा। motivational short story in hindi

वह समझ गया कि आलस्य उसके जीवन के लिए एक अभिशाप है और उसने प्रण किया कि अब वो कभी भी काम से जी नहीं चुराएगा और एक कर्मठ, सजग और सक्रिय व्यक्ति बन कर दिखायेगा।

मित्रों, जीवन में हर किसी को एक से बढ़कर एक अवसर मिलते हैं, पर कई लोग इन्हें बस अपने आलस्य
के कारण गवां देते हैं. इसलिए मैं यही कहना चाहती हूँ कि यदि आप सफल, सुखी, भाग्यशाली, धनी अथवा महान बनना चाहते हैं तो आलस्य और दीर्घसत्रता को त्यागकर, अपने अंदर विवेक, कृष्टसाध्य श्रम और सतत् जागरूकता जैसे गुर्णों को विकसित कीजिये और जब कभी आपके मन में किसी आवश्यक काम को टालने का विचार आये तो स्वयं से एक प्रश्न कीजिये – “आज ही क्यों नहीं ?”

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बाज की उड़ान :-

एक बार की बात है कि एक बाज का अंडा मुर्गी के अण्ड़ों के बीच आ गया. कुछ दिनों बाद उन अण्डों में
से चूजे निकले, बाज का बच्चा भी उनमें से एक था.वो उन्ही के बीच बड़ा होने लगा. वो वही करता जो
बाकी चुजे करते, मिटटी में इधर-उधर खेलता, दाना चुगता और दिन भर उन्हीकी तरह चूँ-चूँ करता।

बाकी चुजों की तरह वो भी बस थोड़ा सा ही ऊपर उड़ पाता , और पंख फड़-फड़ाते हुए नीचे आ जाता . फिर एक दिन उसने एक बाज को खुले आकाश में उड़ते हुए देखा, बाज बड़े शान से बेधड़क उड़ रहा था. तब उसने बाकी चूरजों से पूछा, कि- “इतनी उचाई पर उड़ने वाला वो शानदार पक्षी कौन है?

तब चूजों ने कहा-” अरे वो बाज है, पक्षियों का राजा, वो बहुत ही ताकतवर और विशाल है , लेकिन तुम
उसकी तरह नहीं उड़ सकते क्योंकि तुम तो एक चुजे हो!Short Motivational Story In Hindi

बाज के बच्चे ने इसे सच मान लिया और कभी वैसा बनने की कोशिश नहीं की. वो जिन्दगी भर चजों की तरह रहा, और एक दिन बिना अपनी असली ताकत पहचाने ही मर गया. दोस्तो, हममें से बहत से लोग उस बाज की तरह ही अपना असली क्षमता जाने बिना एक छोटी ज़िन्दगी जीते रहते हैं, हमारे आस- पास की परिस्थिति हमें भी वैसा बना देती है। motivational short story in hindi

यह हम में ये भूल जाते हैं कि हम आपार संभावनाओं से पूर्ण एक प्राणी हैं. हमारे लिए इस जग में कुछ भी असभव नहीं है,पर फिर भी बस एक औसत जीवन जी के हम इतने बड़े मौंके को गँवा देते हैं।

आप चर्जों की तरह मत बनिए , अपने अप पर अपनी काबिलियत पर भरोसा कीजिए. आप चाहे जहाँ हों, जिस परिवेश में हों, अपनी क्षमताओं को पहचानिए और आकाश की ऊँचाइयों पर उड़ कर दिखाइए क्योंकि यही आपकी वास्तविकता है। Short Motivational Story In Hindi

अंधा घोड़ा :-

शहर के नज़दीक बने एक घर में दो घोड़े रहते थे. दूर से देखने पर वो दोनों बिलकल एक जैसे
दीखते थे,पर पास जाने पर पता चलता था कि उनमे से एक घोड़ा अधा है. पर अंधे होने के बावजूद उसके
के मालिक ने उसे वहां से निकाला नहीं था बल्कि उसे और भी अधिक सुरक्षा और आराम के साथ रखा था। best motivational story in hindi

अगर कोई थोड़ा और ध्यान देता तो उसे ये भी पता चलता कि मालिक ने दुसरे घोड़े के गले में एक घंटी बाँध रखी थी, जिसकी आवाज़ सुनकर अंधा घोड़ा उसके पास पहंच जाता और उसके पीछे-पीछे बाड़े में घुमता. घंटी वाला घोड़ा भी अपने अंधे मित्र की परेशानी समझता, वह बीच-बीच में पीछे मुड़कर देखता और इस बात को सुनिश्चित करता कि कहीं वो रास्ते से भटक ना जाए।

वह ये भी सुनिश्चित करता कि उसका मित्र सुरक्षेत; वापस अपने स्थान पर पहुच जाए, और उसके बाद ही वो अपनी जगह की ओर बढ़ता. दोस्तों, बाड़े के मालिक की तरह ही भगवान हमें बस इसलिए नहीं छोड देते कि हमारे अन्दर कोई दोष या कमियां हैं। motivational short story in hindi

वो हमारा ख्याल रखते हैं और हमें जब भी ज़ररत होती है तो किसी ना किसी को हमारी मदद के लिए भेज देते हैं. कभी-कभी हम वो अंधे घोड़े होते हैं, जो भगवान दवारा बांधी गयी घंटी की मदद से अपनी परेशानियों से पार पाते हैं तो कभी हम अपने गले में बंधी घंटी दवारा दसरों को रास्ता दिखाने के काम आते हैं। Short Motivational Story In Hindi

सबसे कीमती चीज :-

एक जाने-माने स्पीकर ने हाथ में पांच सौ का नोट लहराते हुए अपनी सेमीनार शुरू की. हाल में बैठे सैकड़ों लोगों से उसने पूछा, ” ये पांच सौ का नोट कौन लेना चाहता है?” हाथ उठना शुरू हो गए.

फिर उसने कहा ” मैं इस नोट को आपमें से किसी एक को दूंगा पर उससे पहले मुझे ये कर लेने दीजिये
” और उसने नोट को अपनी मुद्दी में चिमोड़ना शुरू कर दिया. और फिर उसने पूछा,” कौन है जो अब भी
यह नोट लेना चाहता है?” अभी भी लोगों के हाथ उठने शुरू हो गए।

“अच्छा” उसने कहा,” अगर मैं ये कर दूं ?” और उसने नोट को नीचे गिराकर पैरों से कुचलना शुरू कर दिया। उसने नोट उठाई , वह बिल्कूल चिमुड़ी और गन्दी हो गयी थी. क्या अभी भी कोई है जो इसे लेना चाहता है?”. और एक बार फिर हाथ उठने शुरू हो गए। motivational short story in hindi

“दोस्तों , आप लो्गों ने आज एक बहत महत्त्वपूर्ण पाठ सीखा है. मैंने इस नोट के साथ इतना कुछ किया
पर फिर भी आप इसे लेना चाहते थे क्योंकि ये सब होने के बावजुद नोट की कीमत घटी नहीं, उसका मूल्य अभी भी पाँच सौ रुपये था। motivational short story in hindi

जीवन में कई बार हम गिरते हैं, हारते हैं, हमारे लिए हुए निर्णय हमें मिटटी में मिला देते हैं. हमें ऐसा लगने
लगता है कि हमारी कोई कीमत नहीं है. लेकिन आपके साथ चाहे जो हआ हो या भअविष्य में जो हो जाए
आपका मुल्य कम नहीं होता. आप स्पेशल हैं, इस बात को कभी मत भुलिए. कभी भी बीते हुए कल की निराशा को आने वाले कल के सपनो को बर्बाद मत करने दीजिये. याद रखिये आपके पास जो सबसे कीमती चीज है, वो है आपका जीवन।”

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